नेशनल पैरेंट्स डे 2025: माता-पिता की भावनात्मक जरूरतें समझें

नेशनल पैरेंट्स डे 2025: एक विशेष दिन
नेशनल पैरेंट्स डे 2025: हर साल जुलाई के चौथे रविवार को 'नेशनल पैरेंट्स डे' मनाया जाता है। इस दिन बच्चे अपने माता-पिता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हैं, उन्हें शुभकामनाएं देते हैं या उपहार भेजकर अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। लेकिन क्या वास्तव में माता-पिता को केवल इन चीजों की आवश्यकता होती है?
माता-पिता की भावनात्मक स्थिति
वास्तव में, जब उम्र के इस पड़ाव पर शरीर कमजोर हो जाता है और यादें मजबूत होती हैं, तब माता-पिता को किसी उपहार की नहीं, बल्कि बच्चों के थोड़े से साथ की आवश्यकता होती है।
अकेलेपन का सामना
65% माता-पिता अकेलेपन से जूझ रहे
भारत में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 65% माता-पिता अकेलेपन और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। एक हालिया सर्वेक्षण में यह सामने आया कि इनमें से अधिकांश बच्चों से कोई शिकायत नहीं रखते, लेकिन 'भावनात्मक दूरी' उन्हें अंदर से तोड़ देती है। एक समय जो आवाज़ हमें लोरी गाकर सुलाती थी, वही अब खुद किसी बातचीत को तरस जाती है। जिन हाथों से हम खाना खाते थे, वे अब किसी के साथ बैठकर खाने की आस लगाए रहते हैं।
माता-पिता की जरूरतें
मां-बाप को है आपकी जरुरत
तेज रफ्तार जिंदगी, काम का दबाव और दूरियों के कारण बच्चे व्यस्त रहते हैं। डिजिटल दुनिया में उलझे हम भूल जाते हैं कि वे भी कभी हमारे जैसे सपने देखते थे, हंसते थे, रोते थे… और अब अपनी ही बनाई दीवारों में कैद हो गए हैं। बड़े बुजुर्गों की सबसे बड़ी जरूरत है ध्यान, बातचीत और अपनापन। दिनभर की थकान के बावजूद अगर हम दिन के सिर्फ 10-15 मिनट उनके साथ बैठ जाएं, मोबाइल को साइड में रख दें, उनकी बात सुनें, तो यही वक्त उनके जीवन में उजाला भर सकता है।
अकेलेपन से बाहर निकालें
अपने पेरेंट्स को न रहने दे अकेला
आप उन्हें अकेलेपन से निकालने के लिए छोटे-छोटे घरेलू कामों में शामिल कर सकते हैं, जैसे बागवानी, सब्ज़ी काटना, पूजा की तैयारी या पार्क में टहलना। इससे उन्हें लगेगा कि वे अब भी परिवार की ज़रूरी कड़ी हैं। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है और मनोबल भी।
माता-पिता को शामिल करें
हर फैसले में करें मां-बाप को शामिल
हम अक्सर सोचते हैं कि हमारे माता-पिता सब समझते हैं, लेकिन कई बार प्यार जताना भी ज़रूरी होता है। उनसे सलाह लेना, छोटे-छोटे फैसलों में शामिल करना, कहना कि 'आपसे बात करके अच्छा लगा' या 'आपके बिना सब अधूरा है', ऐसी बातें उन्हें बेहद सुकून देती हैं।
माता-पिता के लिए खास उपहार
क्या है पेरेंट्स के लिए खास तोहफा?
कभी उनका हाथ थामिए, गले लगाइए, बैठकर चुपचाप उनकी आंखों में झांकिए, ये सब किसी दवा से कम नहीं। सच तो यह है कि मां-बाप के अकेलेपन को दूर करने के लिए किसी बड़ी तैयारी की ज़रूरत नहीं होती। बस उन्हें यह महसूस कराइए कि वे आज भी हमारी दुनिया के सबसे जरूरी हिस्से हैं। तो इस 'नेशनल पैरेंट्स डे' पर गिफ्ट की जगह थोड़ी सी 'मौजूदगी' दीजिए, यकीन मानिए, उनके लिए इससे बड़ा तोहफा कोई नहीं।