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नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50% की कटौती: यात्रियों के लिए राहत

नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50% की कटौती की गई है, जो यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। यह बदलाव विशेष रूप से उन हाईवे पर लागू किया गया है, जहां फ्लाईओवर, पुल और सुरंग हैं। नए नियमों के तहत, टोल चार्ज में कमी के लिए दो तरीके अपनाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को आर्थिक लाभ होगा। जानें इस नए नियम के बारे में और कैसे यह आपके सफर को आसान बनाएगा।
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नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50% की कटौती: यात्रियों के लिए राहत

नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में महत्वपूर्ण बदलाव


नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में कटौती: यदि आप नियमित रूप से नेशनल हाईवे पर यात्रा करते हैं, तो यह सूचना आपके लिए महत्वपूर्ण और राहत देने वाली है। सरकार ने हाल ही में टोल टैक्स के नियमों में बदलाव किया है, जिससे यात्रियों को लाभ होगा।


हालिया जानकारी के अनुसार, सरकार ने नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50% की कमी की है। यह कटौती विशेष रूप से उन हाईवे पर लागू की गई है, जहां फ्लाईओवर, पुल, सुरंग और ऊंचे स्ट्रेच बनाए गए हैं। नया टोल नियम (टोल रिडक्शन) अब प्रभावी हो चुका है, और यात्रियों को जल्द ही इसका लाभ मिलने की उम्मीद है।


पुराने टोल चार्ज की जानकारी

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के एक अधिकारी के अनुसार, पुराने नियमों के तहत हाईवे पर हर किलोमीटर पर विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए औसत टोल चार्ज का 10 गुना भुगतान करना पड़ता था, ताकि उस इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत वसूली जा सके। लेकिन नए नियमों के अनुसार, यह टोल अब 50% कम हो जाएगा।


टोल कम करने का नया तरीका

इस प्रक्रिया को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए, एक नेशनल हाईवे का एक हिस्सा 40 किलोमीटर लंबा है और इसमें फ्लाईओवर, पुल या सुरंग शामिल हैं। टोल की गणना के लिए दो तरीके अपनाए जाते हैं। पहले तरीके में, संरचना की लंबाई को 10 से गुणा किया जाता है, यानी 10×40=400 किलोमीटर।


दूसरे तरीके में, पूरे हाईवे की लंबाई को 5 से गुणा किया जाता है, यानी 5×40=200 किलोमीटर। अब जो भी कम होगा, उसके आधार पर टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसका मतलब है कि हाईवे की आधी लंबाई पर ही टोल टैक्स लगेगा, जिससे टोल टैक्स में 50% तक की कमी आएगी।


यात्रियों को होने वाला लाभ

सरकार के नए नियम से उन यात्रियों को लाभ होगा जो ऐसे हाईवे पर यात्रा करते हैं, जहां 50% से अधिक संरचना मौजूद है। उदाहरण के लिए, दिल्ली और गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहले 317 रुपये टोल लगता था, जिसे घटाकर 153 रुपये किया जा सकता है।