नोएडा में अवैध वृद्ध आश्रम की स्थिति पर कार्रवाई, बुजुर्गों का किया गया रेस्क्यू

नोएडा के वृद्ध आश्रम में अव्यवस्था का खुलासा
नोएडा समाचार : नोएडा के सेक्टर 55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध आश्रम के अंदर की स्थिति देखकर समाज कल्याण विभाग की टीम चौंक गई। यहां एक बुजुर्ग महिला को हाथ-पैर बांधकर रखा गया था। लखनऊ की टीम ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की। जब समाज कल्याण की टीम ने फिर से निरीक्षण किया, तो अधिकारियों ने वहां की स्थिति देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। यह वृद्ध आश्रम बिना किसी अनुमति के संचालित हो रहा था, जिसके चलते 39 बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया।
संचालिका को नोटिस जारी
नोटिस भेज कर मांगा जवाब
समाज कल्याण विभाग ने वृद्ध आश्रम की संचालिका को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आश्रम में अव्यवस्था के कारण संचालिका को फटकार भी लगाई गई है। जिस प्रकार से महिला को बंधक बनाया गया था, उससे यह स्पष्ट होता है कि अन्य बुजुर्गों के साथ भी अत्याचार हो रहा था।
शिकायतों पर कार्रवाई की कमी
शिकायत पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
पूर्व पत्रकार यश जैन ने वृद्ध आश्रम की स्थिति को लेकर कई बार शिकायत की थी, लेकिन प्रबंधन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। यदि पहले शिकायतों का संज्ञान लिया गया होता, तो बुजुर्ग महिला की बंधी हुई स्थिति का वीडियो वायरल नहीं होता।
आश्रम को सील करने की चेतावनी
सील होगा वृद्ध आश्रम
समाज कल्याण विभाग ने संचालिका को चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के भीतर आश्रम की स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो इसे सील कर दिया जाएगा। मौके से तीन बुजुर्गों को रेस्क्यू कर दादरी भेजा गया है। विभाग आश्रम के दस्तावेजों की भी जांच कर रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां बुजुर्गों के साथ अत्याचार हो रहा था।
राज्य महिला आयोग की कार्रवाई
राज्य महिला आयोग की टीम ने लिया था संज्ञान
जब वृद्ध महिला का हाथ-पैर बंधा हुआ वीडियो वायरल हुआ, तब राज्य महिला आयोग की टीम ने मामले का संज्ञान लिया। लखनऊ से टीम सीधे नोएडा पहुंची और महिला का रेस्क्यू किया। जांच के दौरान पता चला कि वहां के स्टाफ ने कई बार नौकरी छोड़ने की धमकी दी थी, लेकिन उन्हें दबाव में रखा गया।
अमानवीय व्यवहार के आरोप
नशीली दवाई देने का है आरोप
राज्य महिला आयोग की टीम ने जब जांच की, तो पता चला कि बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। उन्हें नशीली दवाएं देकर बंधक बनाया जाता था और पहनने के लिए कपड़े भी नहीं दिए जाते थे। उन्हें बिना बेड के जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया जाता था। इस मामले में संबंधित अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।