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नोएडा में आतंकी जीशान अली की गिरफ्तारी: किराए पर कमरा लेकर फैलाता था आतंकवाद

नोएडा के सेक्टर 63 छिजारसी से गिरफ्तार आतंकी जीशान अली ने मोबाइल की दुकान पर काम करने का बहाना बनाकर किराए पर कमरा लिया था। पड़ोसियों को उसकी गतिविधियों पर संदेह था, लेकिन वे उसकी असली पहचान नहीं जान पाए। जांच में पता चला कि वह नकली नोटों के कारोबार और आतंकवादी विचारधारा का प्रचार कर रहा था। इस मामले में गुजरात एटीएस ने चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें जीशान भी शामिल है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और नोएडा में आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बारे में।
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नोएडा में आतंकी जीशान अली की गिरफ्तारी: किराए पर कमरा लेकर फैलाता था आतंकवाद

नोएडा में आतंकी की पहचान

नोएडा समाचार: नोएडा के सेक्टर 63 छिजारसी से गिरफ्तार किया गया आतंकी जीशान अली बेहद चालाक है। उसने यहां किराए पर कमरा लिया था, यह कहकर कि वह मोबाइल की दुकान पर सहायक के रूप में काम करता है। दुकान के मालिक ने बताया कि वह कभी भी काम पर नहीं आया। वह कभी-कभी दुकान पर आकर मोबाइल मरम्मत करने का दावा करता था, लेकिन ज्यादातर समय अपने कमरे में रहकर मोबाइल में व्यस्त रहता था। इस कारण आस-पास के लोगों को उसकी असली पहचान का पता नहीं चला।


पड़ोसियों की शंका

पड़ोसियों को नहीं समझ आती थी भाषा


जांच में यह सामने आया है कि जीशान अक्सर ऐसी भाषा में बात करता था जिसे उसके पड़ोसी समझ नहीं पाते थे। कई बार पड़ोसियों ने उसे टोका कि वह हमेशा मोबाइल पर क्यों व्यस्त रहता है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि वह मोबाइल के माध्यम से नकली नोटों के कारोबार और आतंकवादी विचारधारा का प्रचार कर रहा था। इसके लिए उसने स्मार्टफोन का उपयोग किया।


मोबाइल रिपेयरिंग का बहाना

सैनिक कम्यूनिकेशन में करता था मोबाइल रिपेयरिंग


जांच में यह भी पता चला है कि जीशान कभी-कभी सैनिक कम्यूनिकेशन की दुकान पर जाकर मोबाइल रिपेयर करता था। हालांकि, वह दुकान पर कम ही जाता था और अधिकतर समय अपने कमरे में ही रहता था। वह तीन महीने पहले यहां रहने आया था, लेकिन उसके पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया नहीं की गई थी।


पिछले मामलों की पुनरावृत्ति

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले


नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पहले भी आतंकियों और संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी के मामले सामने आ चुके हैं। हर बार जांच एजेंसियों ने आतंकियों को उनके मंसूबों में सफल होने से पहले ही पकड़ लिया है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।


नोएडा में छिपना आसान

इस वजह से नोएडा में छिपना है आसान


नोएडा में 5000 से अधिक फैक्ट्रियां हैं और यहां काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लाखों में है। ये कर्मचारी नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न गांवों में किराए पर रहते हैं। एक मकान में 50 कमरे होते हैं और किरायेदारों का सत्यापन नहीं किया जाता, जिससे कोई भी आसानी से यहां आकर रह सकता है।


गिरफ्तारी का मामला

यह है मामला


गुजरात एटीएस ने नकली नोटों के कारोबार और आतंकवादी विचारधारा फैलाने के आरोप में चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आतंकियों में जीशान अली, मोहम्मद फैक, मोहम्मद फरदीन और सैफुल्लाह कुरैशी शामिल हैं। जीशान नोएडा के सेक्टर 63 छिजारसी से पकड़ा गया है, जहां वह किराए के कमरे में रह रहा था। ये आतंकवादी अल-कायदा की विचारधारा फैलाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और संदिग्ध ऐप्स का उपयोग कर रहे थे। चारों आतंकियों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है और उनका मस्तिष्क युवा अवस्था में ही धोखा दिया गया है।