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नोएडा में साइबर ठगी का मामला: 1.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

नोएडा में एक रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को साइबर ठगों ने 1.7 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसने का डर दिखाकर पैसे हड़प लिए। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानें इस चौंकाने वाली घटना की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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नोएडा में साइबर ठगी का मामला: 1.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

नोएडा में साइबर ठगों ने किया बड़ा धोखा

नोएडा में साइबर ठगी: 1.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: नोएडा में एक बार फिर साइबर ठगों ने अपनी चालाकी से एक व्यक्ति को ठगी का शिकार बना दिया। कॉमर्स विभाग से रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव से ठगों ने 1.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। यह घटना 9 से 15 सितंबर के बीच हुई,


जब ठगों ने पीड़ित को डिजिटल गिरफ्त में फंसा लिया। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग का भय दिखाकर ओमप्रकाश से पैसे हड़प लिए। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। आइए, इस चौंकाने वाली ठगी की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।


मनी लॉन्ड्रिंग का भय दिखाकर ठगी

साइबर ठगों ने ओमप्रकाश श्रीवास्तव को फोन करके खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और मनी लॉन्ड्रिंग तथा अवैध गतिविधियों में फंसने का डर दिखाया।


उन्होंने यह दावा किया कि पीड़ित का आधार कार्ड और बैंक खाता एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस्तेमाल हुआ है। ठगों ने विश्वास दिलाने के लिए एक वीडियो कॉल पर कथित CBI से जुड़े IPS अधिकारी से बात कराई। इतना ही नहीं, उन्होंने एक फर्जी डिजिटल कोर्ट की पेशी भी कराई, जिससे ओमप्रकाश पूरी तरह उनके जाल में फंस गए।


दो किश्तों में 1.7 करोड़ रुपये की ठगी

इस डर और दबाव के चलते ओमप्रकाश ने 9 से 15 सितंबर के बीच दो बार में 1.7 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उसे बताया कि यह रकम केवल जांच के लिए रखी जाएगी और 48-72 घंटों में वापस आ जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, और पीड़ित ठगी का शिकार हो गया।


रकम का ट्रांसफर नोएडा और बेंगलुरु में

पुलिस जांच में यह सामने आया कि ठगी की रकम नोएडा और बेंगलुरु के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत बैंक अधिकारियों से संपर्क कर रकम को फ्रीज और होल्ड करने की प्रक्रिया शुरू की। पीड़ित की शिकायत पर FIR दर्ज हो चुकी है, और साइबर क्राइम सेल अब ठगों और रकम के स्रोत की तलाश में जुट गई है।