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नोएडा में स्थापित हुई भारत की सबसे बड़ी बैडमिंटन शटलकॉक

नोएडा ने खेलों की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जहां 15 फीट ऊंची बैडमिंटन शटलकॉक का निर्माण किया गया है। यह आकृति भारत में सबसे बड़ी मानी जा रही है और इसका वजन लगभग 800 किलो है। अधिकारियों का कहना है कि यह शटलकॉक युवाओं को बैडमिंटन के प्रति प्रेरित करने के लिए बनाई गई है। जानें इसके निर्माण की लागत, प्रक्रिया और पेटेंट कराने की योजना के बारे में।
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नोएडा में स्थापित हुई भारत की सबसे बड़ी बैडमिंटन शटलकॉक

नोएडा में नया कीर्तिमान

खेलों की दुनिया में नोएडा ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। सेक्टर 21ए में स्थित नोएडा स्टेडियम के सामने एक विशाल बैडमिंटन शटलकॉक का निर्माण किया गया है, जिसकी ऊंचाई 15 फीट है। अधिकारियों का कहना है कि यह आकृति भारत में सबसे बड़ी है, जिसका वजन लगभग 800 किलो है और गोलाई करीब 32 फीट है। नोएडा अथॉरिटी के डीजीएम विजय रावल ने बताया कि यह शटलकॉक युवाओं को बैडमिंटन के प्रति आकर्षित करने के लिए बनाई गई है।


निर्माण की लागत और प्रक्रिया

इस शटलकॉक का निर्माण नोएडा अथॉरिटी द्वारा किया गया है, जिसमें लगभग 20 दिन का समय लगा। इसकी लागत करीब 10 लाख रुपये आई है। शटलकॉक का गोलाकार भाग लगभग 33 फीट है, और इसके पंख और स्टैंड के लिए लोहे के ढांचे का उपयोग किया गया है। इसे टिकाऊ और आकर्षक बनाने के लिए फाइबर फिनिशिंग की गई है, और रात में रोशनी के लिए इसमें लाइटें भी लगाई गई हैं।


पहल की शुरुआत

यह पहल 2018 में शुरू हुई थी, जब नोएडा में वेस्ट से कलाकृतियों का निर्माण किया गया। उस समय अथॉरिटी में राजीव त्यागी जीएम थे। पहले चरण में महामाया फ्वाईओवर के पास कबाड़ प्लास्टिक से चरखा और शांति स्तूप का निर्माण किया गया था।


शटलकॉक का पेटेंट

डीजीएम विजय रावल ने बताया कि यह शटलकॉक युवाओं को बैडमिंटन के प्रति प्रेरित करने का कार्य करेगी। नोएडा स्टेडियम को और बेहतर बनाने के लिए अथॉरिटी प्रयासरत है, और इस शटलकॉक के रिकॉर्ड को पेटेंट कराने की योजना है।