Newzfatafatlogo

नोएडा से एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की योजना में बाधा, सिंचाई विभाग ने खारिज की एनओसी

नोएडा से एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी के लिए प्रस्तावित यमुना पुश्ता रोड एक्सप्रेसवे की योजना अब ठप हो गई है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने सुरक्षा कारणों से एनओसी देने से इनकार कर दिया है, जिससे अब कोई अन्य विकल्प खोजना होगा। इस योजना का उद्देश्य नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव कम करना था। आगे की योजना पर काम शुरू किया जाएगा, जिसमें तकनीकी समीक्षा और नए डिजाइन पर ध्यान दिया जाएगा।
 | 
नोएडा से एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की योजना में बाधा, सिंचाई विभाग ने खारिज की एनओसी

योजना पर लगी रोक

नोएडा समाचार: नोएडा से एयरपोर्ट तक सीधी पहुंच के लिए प्रस्तावित यमुना पुश्ता रोड एक्सप्रेसवे की योजना अब ठप हो गई है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने सुरक्षा और तकनीकी कारणों से इस परियोजना को अस्वीकार कर दिया है। एनओसी न मिलने के कारण अब नोएडा से एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए कोई अन्य विकल्प खोजना होगा।


ट्रैफिक में कमी लाने का था उद्देश्य

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद थी। यमुना के किनारे छह लेन का एक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित था, लेकिन अब यह योजना ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है।


सिंचाई विभाग का एनओसी देने से इनकार

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता दिनेश सिंह ने इस योजना पर आपत्ति जताते हुए बताया कि यमुना तटबंध क्षेत्र नोएडा की बाढ़ सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील है। यदि पुश्ता के नीचे पिलर बनाए जाते हैं, तो इससे पुश्ता की स्थिरता पर असर पड़ेगा और जल रिसाव की संभावना बढ़ जाएगी। भारी बारिश या यमुना के जलस्तर में वृद्धि की स्थिति में यह पूरे क्षेत्र के लिए खतरा बन सकता है।


एनएचएआई से निर्माण की मांग

इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने के लिए जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि इसका निर्माण कार्य एनएचएआई द्वारा कराया जाए। लेकिन सिंचाई विभाग से एनओसी न मिलने के कारण यह प्रस्ताव भी फिलहाल रुका हुआ है।


नई योजना पर काम शुरू

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा कि अब इस परियोजना की तकनीकी समीक्षा की जाएगी और नए सिरे से डिजाइन तैयार किया जाएगा। सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है।