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न्यूयॉर्क से वर्जीनिया जा रहे भारतीय मूल के चार वरिष्ठ नागरिकों की कार दुर्घटना में मौत

न्यूयॉर्क से वर्जीनिया के एक मंदिर की यात्रा पर निकले चार भारतीय मूल के वरिष्ठ नागरिकों की एक कार दुर्घटना में मौत हो गई है। इस घटना ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है। मृतकों में एक प्रतिष्ठित एनेस्थेसियोलॉजिस्ट भी शामिल हैं। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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न्यूयॉर्क से वर्जीनिया जा रहे भारतीय मूल के चार वरिष्ठ नागरिकों की कार दुर्घटना में मौत

दुर्घटना की जानकारी

दुर्घटना का विवरण: न्यूयॉर्क से वर्जीनिया के एक मंदिर की ओर जा रहे चार भारतीय मूल के वरिष्ठ नागरिकों की मौत की खबर आई है। मार्शल काउंटी के शेरिफ माइक डोहर्टी ने पुष्टि की है कि बफ़ेलो से लापता चार व्यक्तियों की कार दुर्घटना में जान चली गई। मृतकों में डॉ. किशोर दीवान (85), आशा दीवान, शैलेश दीवान (85) और गीता दीवान (84) शामिल हैं। इस दुर्घटना के कारणों की जांच अभी जारी है।


मंदिर की यात्रा

परिवार गोल्ड पैलेस जा रहा था, जो एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON) के संस्थापक श्रील प्रभुपाद का स्मारक भी है। यह न्यू वृंदावन, वेस्ट वर्जीनिया में स्थित है, जो बफ़ेलो से लगभग 270 मील दक्षिण में है। भक्त इस मंदिर को आध्यात्मिक चिंतन और स्थापत्य वैभव का स्थल मानते हैं।


डॉ. किशोर दीवान का योगदान

डॉ. किशोर दीवान एक प्रतिष्ठित एनेस्थेसियोलॉजिस्ट थे, जो विलियम्सविले, न्यूयॉर्क में प्रैक्टिस करते थे। उनके चिकित्सा करियर की शुरुआत 1962 में भारत में हुई थी, और उन्होंने दशकों तक विशिष्ट नैदानिक सेवाएं प्रदान कीं।


समुदाय में शोक

इस घटना ने उत्तर-पूर्वी अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय में गहरा शोक पैदा किया है। कई लोगों ने सोशल मीडिया और स्थानीय सामुदायिक समूहों के माध्यम से अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।