पंचकूला में कॉल सेंटर धोखाधड़ी का मामला: 100 करोड़ की ठगी का खुलासा

पंचकूला में कॉल सेंटरों की जांच
Panchkula Cyber Fraud, सिटी रिपोर्टर | पंचकूला : पंचकूला के सेक्टर-22 स्थित आईटी पार्क में अवैध कॉल सेंटरों की जांच को पंचकूला पुलिस जल्द ही ईडी को सौंपने की योजना बना रही है। इन कॉल सेंटरों के संचालकों ने पिछले एक साल में 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। हाल ही में, पुलिस ने ईडी को इस मामले में पत्र लिखा था।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि एक कॉल सेंटर में विदेशियों को कॉल करके प्रतिदिन 10 से 12 लाख रुपये की ठगी की जाती थी। महीने के हिसाब से यह आंकड़ा लगभग 3 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता था। पिछले एक साल में, तीनों कॉल सेंटर संचालकों ने विदेशी नागरिकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।
कॉल सेंटर पर छापे के दौरान मिले डेटा के आधार पर, पंचकूला पुलिस एक रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसमें यह बताया जाएगा कि विदेशियों से कितनी ठगी हुई है। इसके साथ ही, पीड़ितों को कॉल सेंटर संचालकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए भी कहा जा रहा है, लेकिन अधिकांश लोग पहले ही ठगी का शिकार होने के कारण शिकायत करने में हिचकिचा रहे हैं।
लुकआउट नोटिस और आरोपियों की संपत्ति
6 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी
इस मामले में एक रिटायर्ड टेलीकॉम अधिकारी की बेटी सुरभी का नाम भी सामने आया है। पंचकूला पुलिस ने सुरभी, हार्दिक नैन, आरिफ सहित 6 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है ताकि वे विदेश न भाग सकें। इसके अलावा, आरोपियों की संपत्तियों का विवरण भी तैयार किया जा रहा है ताकि ठगी के पैसे से खरीदी गई संपत्तियों को अटैच किया जा सके।
पुलिस कमिश्नर सिबास कबिराज ने बताया कि ईडी को जांच के लिए पत्र भेज दिया गया है और जल्द ही ईडी की जांच शुरू हो सकती है। इसके अलावा, विदेश में सक्रिय ठग गिरोह के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिकी एफबीआई और यूरोपीय ट्रिपल सी जांच एजेंसी के साथ समन्वय किया जा रहा है।
पुलिस की जांच और एसआई की भूमिका
एसआई पर किस अधिकारी का हाथ, होगी जांच
हरियाणा पुलिस के एक एसआई सतीश कुमार की शह पर यह फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। एसआई का नाम सामने आने के बाद से वह फरार है। पंचकूला पुलिस उसकी संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है ताकि उन्हें अटैच किया जा सके। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किस अधिकारी की शह पर एसआई ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने के लिए प्रोटेक्शन मनी ली थी।
चार्जशीट में सभी 85 कर्मियों के नाम होंगे शामिल
21 अगस्त को आईटी पार्क में छापे के दौरान 85 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन पुलिस चार्जशीट में उनके नाम शामिल करने की योजना बना रही है। पुलिस का मानना है कि इन कर्मचारियों की भी ठगी में भागीदारी थी।
राजनीतिक संबंधों की जांच
अमेरिकी एजेंसी एफबीआई और यूरोपीय ट्रिपल सी के साथ मिलकर जांच की जा रही है। फर्जी कॉल सेंटर के संचालक हार्दिक नैन के एक युवा राजनेता के साथ अच्छे संबंध हैं। हालांकि, पुलिस को अभी तक उस राजनेता का इस मामले में कोई संबंध नहीं मिला है। हार्दिक नैन की गिरफ्तारी के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि क्या उस राजनेता का भी इस मामले में कोई लेना-देना है।