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पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में महत्वपूर्ण बदलाव: अब डायरेक्टर की जगह वाइस चांसलर का पद

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिसमें डायरेक्टर के स्थान पर वाइस चांसलर की नियुक्ति की जाएगी। यह निर्णय यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार लिया गया है। इस बदलाव से कॉलेज को अधिक स्वायत्तता मिलेगी और नए पदों की स्थापना की जाएगी। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या-क्या बदलाव होंगे।
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पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में महत्वपूर्ण बदलाव: अब डायरेक्टर की जगह वाइस चांसलर का पद

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में नई व्यवस्था

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में अब डायरेक्टर के स्थान पर वाइस चांसलर का पद होगा: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, जिसे डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है, में अब वाइस चांसलर की नियुक्ति की जाएगी। यह निर्णय यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन द्वारा 2023 के दिशा-निर्देशों के अनुसार लिया गया है, जिसे गवर्नर की मंजूरी मिल गई है।


मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन का प्रारूप अब पास हो चुका है। पेक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने इस प्रस्ताव को एक वर्ष पहले यूटी प्रशासन को भेजा था, और अब इसे प्रशासनिक मंजूरी के बाद आगे बढ़ाया जाएगा।


डायरेक्टर हायर एजुकेशन, रूबिंदरजीत सिंह बराड़ ने पुष्टि की है कि एमओए को मंजूरी मिल गई है। पेक को 2003 में डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया था, जिसके बाद कई नए पद जैसे डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर और डीन एल्युमनी बनाए गए, लेकिन डायरेक्टर की नियुक्ति की जाने लगी।


वीसी का पद पहले कभी स्थापित नहीं किया गया था, और केवल खानापूर्ति के लिए कुछ बदलाव किए गए थे। पेक की भूमि अभी भी प्रशासन के पास है, जबकि इसे पेक सोसायटी के नाम पर होना चाहिए।


2023 में सरकार ने डीम्ड यूनिवर्सिटीज के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें पहले से डीम्ड घोषित यूनिवर्सिटीज को यूजीसी के दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो पेक का ऑटोनॉमस दर्जा समाप्त हो सकता है।


पेक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के एक सदस्य ने बताया कि आगे की प्रक्रिया यूटी के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा की जानी थी।


बदलाव की मुख्य बातें



  1. डायरेक्टर की जगह वाइस चांसलर की नियुक्ति होगी, और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की जगह एक्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन किया जाएगा, जिसमें चेयरमैन वाइस चांसलर होंगे।

  2. सीनेट को अब एकेडमिक काउंसिल में परिवर्तित किया जाएगा, जिसमें यूजीसी के सदस्य भी शामिल होंगे।

  3. इस बदलाव के कारण पेक को अधिक स्वायत्तता प्राप्त होगी, जिससे पेक के वैज्ञानिक यूजीसी के रिसर्च प्रोजेक्ट्स के लिए पात्र हो सकेंगे।

  4. रजिस्ट्रार के साथ-साथ फाइनेंस एंड डेवलपमेंट ऑफिसर की भी नियुक्ति की जाएगी।