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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का अमृतपाल सिंह की पैरोल पर फैसला सुनाने का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की पैरोल याचिका पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। अमृतपाल ने शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए अस्थायी रिहाई की मांग की है। वे वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अदालत ने कहा कि यदि संभव हो तो निर्णय सत्र शुरू होने से पहले लिया जाए। अमृतपाल का तर्क है कि उनका संसद में उपस्थित रहना आवश्यक है ताकि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठा सकें।
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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का अमृतपाल सिंह की पैरोल पर फैसला सुनाने का आदेश

हाईकोर्ट का निर्देश

चंडीगढ़- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब के गृह विभाग को आदेश दिया है कि खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए। यह याचिका आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए उनकी अस्थायी रिहाई से संबंधित है।


सत्र से पहले निर्णय की आवश्यकता

मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता में डिवीजन बेंच ने कहा कि यदि संभव हो तो निर्णय सत्र शुरू होने से पहले लिया जाए और अमृतपाल को इसकी सूचना भी दी जाए। अमृतपाल सिंह ने अदालत से 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी है। वर्तमान में, वे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं।


अमृतपाल का तर्क

अमृतपाल सिंह ने अदालत में यह दलील दी है कि उन्हें NSA की धारा 15 के तहत अंतरिम रिहाई या पैरोल दी जाए ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र के मुद्दों को संसद में उठा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि रिहाई संभव नहीं है, तो सरकार उनकी संसद में व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित करने की व्यवस्था करे।


निर्णय की मांग

उन्होंने 13 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार और अमृतसर के जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। अब हाईकोर्ट ने इन्हीं पत्रों पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया है।


मतदाता का प्रतिनिधित्व

करीब 19 लाख मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए अमृतपाल सिंह का कहना है कि उनका संसद में उपस्थित रहना आवश्यक है, ताकि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मानकों के अनुरूप उठा सकें।