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पंजाब के जसपाल की ईरान में बंधक बनने की दर्दनाक कहानी: एक चेतावनी

पंजाब के जसपाल की कहानी एक चेतावनी है उन युवाओं के लिए जो विदेश में बेहतर जीवन की तलाश में हैं। ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर उसे ईरान में बंधक बना लिया गया, जहां उसने एक महीने तक शारीरिक और मानसिक यातनाएं झेली। भारत सरकार की मदद से उसकी वापसी संभव हुई, लेकिन उसकी आंखों में अब भी डर और बेबसी की छाप है। यह घटना ट्रैवल एजेंटों की धोखाधड़ी को उजागर करती है और उन युवाओं के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
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पंजाब के जसपाल की ईरान में बंधक बनने की दर्दनाक कहानी: एक चेतावनी

जसपाल का खौफनाक अनुभव

ईरान बंधक मामला: बेहतर भविष्य और अच्छी कमाई की उम्मीद में विदेश जाने वाले पंजाब के जसपाल के लिए यह यात्रा एक भयावह अनुभव बन गई। ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा करने वाले ट्रैवल एजेंट ने उसे ईरान पहुंचा दिया, जहां उसे पाकिस्तानी और ईरानी गिरोह ने बंधक बना लिया। एक महीने तक शारीरिक और मानसिक यातना सहने के बाद, जसपाल अब भारत लौट आया है, लेकिन उस दर्दनाक अनुभव की छाप उसके चेहरे पर स्पष्ट है।


ऑस्ट्रेलिया का सपना, ईरान में टूटा

जसपाल, जो नवांशहर जिले के लंगड़ोआ गांव का निवासी है, ने सोचा था कि वह ऑस्ट्रेलिया जाकर नई जिंदगी की शुरुआत करेगा। लेकिन ट्रैवल एजेंट धीरज अटवाल ने उसे पहले दुबई और फिर ईरान भेज दिया, और इस प्रक्रिया में 18 लाख रुपये की बड़ी रकम भी हड़प ली।


ईरान पहुंचते ही बंधक बना लिया गया

जसपाल ने बताया कि जैसे ही वह ईरान पहुंचा, होशियारपुर के एक एजेंट के कहने पर कुछ पाकिस्तानी और ईरानी लोगों ने उसे अपनी कार में बिठाया और फिर उसे और दो अन्य पंजाबी युवकों को अगवा कर लिया। तीनों को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया गया, जहां उन्हें न तो ठीक से खाना दिया जाता था और न ही पानी।


पानी की मांग पर पेशाब पिलाया गया

जसपाल ने अपनी यातनाओं का जिक्र करते हुए कहा, "जब मैंने पानी मांगा, तो उन्होंने मुझे पेशाब पिलाया। मुझे बुरी तरह पीटा गया और मानसिक व शारीरिक शोषण किया गया। हर दिन मौत का सामना करना पड़ता था।" बंधक बनाने वाले गिरोह ने परिवार से 18 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।


भारत सरकार की मदद से वापसी

भारत सरकार और ईरान में भारतीय दूतावास ने इस मामले में सक्रियता दिखाई। ईरान की पुलिस ने जसपाल और अन्य दो युवकों को खोज निकाला। जब उन्हें छुड़ाया गया, तो पता चला कि उनका पासपोर्ट भी फाड़ दिया गया था। जसपाल को भारत लाया गया और अब वह अपने परिवार के पास सुरक्षित है।


ट्रैवल एजेंटों की धोखाधड़ी का खुलासा

यह घटना एक बार फिर उन धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों की असलियत को उजागर करती है, जो विदेश में नौकरी और बेहतर जीवन का झांसा देकर भोले-भाले युवाओं को फंसाते हैं। जसपाल अब भी उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं, और उनकी आंखों में डर और बेबसी साफ झलकती है।


परिवार में खुशी, लेकिन जसपाल अब भी सहमा

जसपाल की वतन वापसी के बाद उसके गांव में परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है, लेकिन जसपाल का चेहरा अब भी उस भयानक यातना की कहानी बयां करता है। उन्होंने कहा, "मैं वापस तो आ गया हूं, लेकिन अंदर से टूट चुका हूं। अब किसी एजेंट पर भरोसा नहीं करूंगा।"