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पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दोहरे रवैये पर उठाए सवाल

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के दोहरे रवैये पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि जबकि क्रिकेट मैचों को अनुमति दी जाती है, श्रद्धालुओं को श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब जाने से रोका जा रहा है। मान ने केंद्र सरकार के इस व्यवहार को अपमानजनक बताते हुए सवाल उठाया कि क्या श्रद्धा का मार्ग बंद करना उचित है? उन्होंने बाढ़ राहत कार्यों में अपनी सरकार की सक्रियता का भी उल्लेख किया और केंद्र से पंजाब के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया।
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पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दोहरे रवैये पर उठाए सवाल

मुख्यमंत्री भगवंत मान का बयान

CM भगवंत मान: केंद्र सरकार पंजाबियों की धार्मिक आस्था को राजनीतिक दृष्टिकोण से देख रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को अनुमति दी जाती है, जबकि श्रद्धालुओं को श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब जाने से रोका जा रहा है। यह दोहरा व्यवहार अब पंजाबियों के लिए असहनीय हो गया है। क्रिकेट का सीधा प्रसारण संभव है, लेकिन श्रद्धा का मार्ग बंद क्यों है? गुरु नानक देव जी की भूमि पर मत्था टेकना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि पंजाब की आत्मा का प्रतीक है। यह विरोध केवल सिखों का नहीं, बल्कि पूरे पंजाब की पहचान का सवाल है।


केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल

कभी-कभी फिल्मों को इसलिए रोका जाता है क्योंकि उनमें पाकिस्तानी कलाकार होते हैं, और उन्हें राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच को राष्ट्रभक्ति का उत्सव बताया जाता है। जो फिल्म पहले से शूट हो चुकी थी, उसे रिलीज नहीं होने दिया गया, लेकिन मैच का आयोजन हो रहा है। क्या पैसे की चिंता श्रद्धा से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है? प्रधानमंत्री ने कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, फिर क्रिकेट का मैदान क्यों खुला है? और श्रद्धालुओं के लिए दरवाजे क्यों बंद हैं? श्रद्धा के दर पर कोई व्यापार नहीं होता, केवल भक्ति और सेवा होती है।


पंजाब के लिए अपमानजनक रवैया

केंद्र सरकार का यह व्यवहार पंजाब के लिए अपमानजनक है। श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब हमारे तीर्थ स्थल हैं, न कि राजनीतिक केंद्र। हर दिन अरदास में हम यही प्रार्थना करते हैं कि हमें वहां सेवा करने और मत्था टेकने का अवसर मिले, लेकिन वही रास्ता बंद कर दिया गया है।


मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर गंभीर सवाल उठाए हैं और कहा है कि अगर क्रिकेट हो सकता है, तो दर्शन क्यों नहीं? उन्होंने स्पष्ट किया कि यह भावना का मामला है और सरकारें भावना से नहीं लड़ सकतीं। जब पंजाब बाढ़ से प्रभावित था, तब केंद्र सरकार ने केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मान सरकार ने राहत कार्यों में सक्रियता दिखाई। 2300 गांवों में सफाई और चिकित्सा टीम भेजी गई। बाढ़ के बाद मान सरकार की सक्रियता ने साबित कर दिया कि कौन वास्तव में जनता के साथ खड़ा है।


पंजाब को राहत की कमी

अफगानिस्तान में संकट के समय मदद भेजी जाती है, लेकिन पंजाब को केवल आश्वासन मिलते हैं। ₹1600 करोड़ की घोषणा की गई, लेकिन आज तक एक भी रुपया पंजाब को नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने पूछा, यह दुश्मनी किस बात की है? क्या इसलिए कि पंजाब सरकार आपके निर्देशों का पालन नहीं करती? सुनील जाखड़ और रवनीत बिट्टू जैसे बीजेपी नेताओं से मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है, तो प्रधानमंत्री से पूछें कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर और श्री ननकाना साहिब के दर्शन पर पाबंदी क्यों? क्रिकेट खेला जा सकता है, लेकिन श्रद्धालुओं को गुरु के दर पर मत्था टेकने की अनुमति नहीं है?


पंजाब की पहचान

केंद्र सरकार पंजाब से प्रतिशोध ले रही है। ऐसा लगता है कि अगर यह सरकार उनके अनुसार नहीं चलती, तो उसे सजा दी जाती है, मदद रोकी जाती है, विकास योजनाओं में बाधा डाली जाती है, और अब श्रद्धा के रास्ते भी बंद कर दिए जाते हैं। पंजाब की भूमि ने भगत सिंह और करतार सिंह सराभा जैसे शहीदों को जन्म दिया है। यह धरती कभी झुकती नहीं, संकट के समय पंजाब हमेशा खड़ा हुआ है। पंजाबियों की श्रद्धा को चुनौती मत दीजिए। श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब कोई समझौते की जगह नहीं, बल्कि हमारे दिल का हिस्सा हैं। क्रिकेट इंतज़ार कर सकता है, राजनीति भी, लेकिन भक्ति नहीं।


पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता

पंजाब सरकार ने फिर से स्पष्ट किया है कि यह केवल भाषण नहीं देती, बल्कि जमीन पर सेवा करती है। यही अंतर है, जब सरकार आम आदमी की होती है। यही कारण है कि आज हर पंजाबी कह रहा है, ए सरकार नहीं, साडे वर्गी है... काम दी है, ते जमीन ते खड़ी है।