Newzfatafatlogo

पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रवास मुद्दे पर उठाई चिंता, युवाओं के भविष्य पर जोर

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन के विरोध को गंभीर मुद्दा बताया और भारत सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। हाल ही में आयोजित मेगा शिक्षक-अभिभावक बैठकों में अभिभावकों की बड़ी भागीदारी को सकारात्मक संकेत मानते हुए, उन्होंने पंचायतों के साथ विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। जानें और क्या कहा मान ने इस संदर्भ में।
 | 
पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रवास मुद्दे पर उठाई चिंता, युवाओं के भविष्य पर जोर

न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन का विरोध गंभीर विषय


मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन का विरोध एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने बताया कि वहां पहले भी धार्मिक समारोह होते रहे हैं, जिसमें सभी समुदाय मिलकर भाग लेते थे। मान ने भारत सरकार से आग्रह किया कि इस मामले को न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष उठाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवास का मुद्दा अब एक वैश्विक चिंता बन चुका है।


युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पंजाबी युवाओं को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अकाली दल राज्य को पीछे ले जाने की कोशिश कर रहा है। मान ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं को सफल बनाने के लिए काम कर रही है, जबकि अकाली दल ने नशे की समस्या को बढ़ावा दिया है। उन्होंने व्यंग्य में कहा कि अकालियों का डायनासोर वास्तव में एक प्लास्टिक का खिलौना है, जिसे लोग जल्द ही उड़ा देंगे।


मेगा पीटीएम में अभिभावकों की बड़ी भागीदारी

मुख्यमंत्री ने हाल ही में सरकारी स्कूलों में आयोजित मेगा शिक्षक-अभिभावक बैठकों में 23.3 लाख अभिभावकों की भागीदारी को सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने कहा कि यह बदलाव एक मिसाल है, क्योंकि पहले ऐसी बैठकें केवल निजी स्कूलों में होती थीं। यह विद्यार्थियों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।


पंचायतों के साथ विकास की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने धूरी विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों के साथ बैठक कर विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने चुने हुए प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें गांवों की समस्याओं को समझना चाहिए और उनके समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए। मान ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के पूर्ण उपयोग पर जोर दिया, ताकि जरूरतमंदों को रोजगार मिल सके।