पंजाब के मुख्यमंत्री ने हॉकी की प्राचीन शान को पुनर्जीवित करने का किया वादा

पंजाब के खिलाड़ियों ने हॉकी में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई
जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हॉकी की प्राचीन गरिमा को पुनर्स्थापित करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी टीम में पंजाब के खिलाड़ियों का योगदान हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। वर्तमान टीम में भी कई खिलाड़ी पंजाब से हैं, जो गर्व की बात है। यह बयान उन्होंने पंजाब हॉकी लीग 2025 के फाइनल मैच के दौरान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि पहली जूनियर हॉकी लीग पंजाब हॉकी और राउंड ग्लास अकादमी द्वारा शुरू की गई है, जो अब तक की सबसे अधिक इनामी राशि वाली लीग है। यह लीग मोहाली से शुरू हुई और इसके फाइनल मुकाबले जालंधर में आयोजित किए जा रहे हैं। इस दौरान, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान ओलंपियन गगन अजीत सिंह और मौजूदा कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व किया।
सुरजीत हॉकी स्टेडियम का योगदान
मुख्यमंत्री ने सुरजीत हॉकी स्टेडियम की भूमिका को भारतीय हॉकी के विकास में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह एक खुशी का क्षण है, क्योंकि इस स्टेडियम में 1975 के हॉकी विश्व कप विजेता और 2001 के जूनियर विश्व कप विजेता खिलाड़ी मौजूद हैं। यह आयोजन हॉकी की तीन पीढ़ियों को एक साथ लाने का काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब जूनियर हॉकी लीग का फाइनल है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से टीमें भाग ले रही हैं। इस लीग में अब तक की सबसे अधिक इनामी राशि रखी गई है।
एशिया कप विजेता टीम में पंजाब के खिलाड़ी
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में एशिया कप जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम में नौ खिलाड़ी पंजाब से थे। उन्होंने कहा कि पिछले दो ओलंपिक खेलों में, जहां भारत ने पदक जीते, हर बार पंजाब के नौ खिलाड़ी टीम का हिस्सा रहे। जालंधर को पंजाब की स्पोर्ट्स कैपिटल कहा जाता है, और यहां के बरलटन पार्क, सुरजीत हॉकी स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉलेज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम में जालंधर के चार खिलाड़ी शामिल थे।