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पंजाब के वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर बाढ़ राहत फंड रोकने का आरोप लगाया

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह राज्य में आई बाढ़ के दौरान राहत फंडों को रोककर भाजपा का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाढ़ पीड़ितों की मौतों का राजनीतिकरण किया है और 'आप' सरकार के पुनर्वास प्रयासों में बाधा डाल रही है। इस विवाद में भाजपा की भूमिका और कांग्रेस के रवैये पर भी चर्चा की गई है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
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पंजाब के वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर बाढ़ राहत फंड रोकने का आरोप लगाया

कांग्रेस पर बाढ़ राहत में बाधा डालने का आरोप

चंडीगढ़: पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने हाल ही में राज्य में आई बाढ़ के संदर्भ में कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर यहां के लोगों के लिए राहत फंडों को रोकने का प्रयास कर रही है। चीमा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू में हुई भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ ने लगभग 60 लोगों की जान ले ली और पूरे पंजाब में व्यापक तबाही मचाई। इस संकट के समय में, मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जबकि कांग्रेस राहत फंडों को रोककर और निर्दोष लोगों की मौतों का राजनीतिकरण कर रही है।


विशेष विधानसभा सत्र में पुनर्वास पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के रवैये की निंदा करते हुए चीमा ने कहा कि कांग्रेसी नेता सस्ते फोटो-अप और ड्रामा करने में लगे रहे, जबकि उन्हें पंजाब के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए था। विधानसभा में उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मौतों का राजनीतिकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी पंजाब विरोधी मानसिकता पूरी तरह से उजागर हो गई है।


चीमा ने बताया कि 'आप' सरकार ने राज्य के पुनर्निर्माण के लिए एक विशेष 'रंगला पंजाब' फंड स्थापित किया है, जिसमें सभी वर्गों के लोग योगदान दे रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता इस फंड का विरोध कर रहे हैं। यह वही कांग्रेस है जिसने दशकों तक पंजाब की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया और अब इसके पुनर्निर्माण के प्रयासों को बाधित कर रही है।


उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने हमेशा पंजाब के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले देर से आकर ₹1,600 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया, लेकिन इसका एक भी रुपया पंजाब तक नहीं पहुंचा। केवल 240 करोड़ रुपये, जो पहले से बजट में रखे गए थे, जारी किए गए हैं। भाजपा की पंजाब के प्रति नफरत स्पष्ट है और अब कांग्रेस पार्टी भी इस विश्वासघात में उनके साथ शामिल हो गई है।