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पंजाब के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को 4 साल की सजा, छेड़छाड़ का मामला

तरनतारन की अदालत ने आम आदमी पार्टी के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को 4 साल की सजा सुनाई है। यह सजा 12 साल पुराने एक छेड़छाड़ के मामले में दी गई है। अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए पीड़ित को मुआवजा देने का भी आदेश दिया। इस मामले में अन्य पुलिसकर्मियों को भी दोषी ठहराया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पीड़िता के संघर्ष के बारे में।
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पंजाब के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को 4 साल की सजा, छेड़छाड़ का मामला

तरनतारन की अदालत का फैसला

तरनतारन - पंजाब की राजनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ आया है, जब तरनतारन की अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को 4 साल की सजा सुनाई। यह सजा उन्हें 12 साल पुराने एक मामले में मिली है, जिसके बाद उनकी विधायकी पर संकट मंडरा रहा है। हालांकि, उनके पास उच्च न्यायालय में अपील करने का विकल्प है।


अदालत का निर्णय

अदालत ने विधायक लालपुरा को उस मामले में दोषी ठहराया, जिसमें उन पर एक युवती के साथ मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप था। उस समय, लालपुरा टैक्सी चालक थे। फैसले के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अदालत ने सजा के साथ-साथ पीड़ित लड़की को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।


अन्य दोषियों का नाम

इस मामले में अदालत ने विधायक लालपुरा के साथ 5 पुलिसकर्मियों - दविंदर कुमार, सारज सिंह, अश्वनी कुमार, तरसेम सिंह और हरजिंदर सिंह को भी दोषी ठहराया है। हालांकि, गगनदीप सिंह और पुलिसकर्मी नरिंदरजीत सिंह व गुरदीप राज को ज्यूडिशियल हिरासत में नहीं भेजा गया।


घटना का विवरण

छेड़छाड़ की घटना
तीन मार्च 2013 को, गांव उसमां की निवासी हरबिंदर कौर अपने परिवार के साथ विवाह समारोह में शामिल होने के लिए पंजाब इंटरनेशनल पैलेस गई थीं। वहां टैक्सी चालकों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो टैक्सी चालकों ने उन पर हमला किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने भी परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की। यह मामला उस समय काफी चर्चा में रहा था, जब सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था।


पीड़िता का बयान

जीवन में कठिनाइयाँ
पीड़िता ने कहा कि इस लड़ाई के दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि आरोपी उन्हें लगातार धमकाते थे और केस वापस लेने का दबाव डालते थे। उन्होंने अदालत से मांग की कि उन्हें कठोर सजा दी जाए, क्योंकि उनके जीवन के 13 साल बर्बाद हो गए हैं।