पंजाब बाढ़ संकट: मुख्यमंत्री मान ने विपक्ष पर साधा निशाना

पंजाब बाढ़ संकट पर मुख्यमंत्री का बयान
पंजाब में बाढ़ की स्थिति को लेकर विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि संकट के समय असंवेदनशील और अवसरवादी नेता राज्य के लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में बाढ़ पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि संकट के समय ये नेता एकजुटता दिखाने के बजाय सरकार के खिलाफ विषवमन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये नेता केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं, जो अनुचित है। जब राज्य के लोग राहत और पुनर्वास के लिए मेहनत कर रहे थे, तब ये नेता मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए प्रयासरत थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशेष सत्र बाढ़ के बाद पुनर्वास पर चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन इन नेताओं की संकीर्ण सोच के कारण यह आलोचना में बदल गया। उन्होंने कहा कि पंजाब एक भाग्यशाली भूमि है, जो हर बार संकट के बाद उभरने की क्षमता रखती है, लेकिन ऐसे नेताओं ने हमेशा इसे बर्बाद करने की कोशिश की है। भगवंत सिंह मान ने पंजाबियों की बहादुरी का जिक्र करते हुए ऐतिहासिक लड़ाइयों का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि जब भी देश को किसी संकट का सामना करना पड़ा है, पंजाब ने हमेशा ढाल बनकर देश की रक्षा की है। चाहे वह अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हो या सीमाओं की सुरक्षा, पंजाब ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पर संकट आता है, तो केंद्र सरकार अक्सर उदासीन रहती है और राज्य को अपने हाल पर छोड़ देती है। दीनानगर हमले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब को भारतीय सेना की लागत चुकाने के लिए कहा गया था।
राज्य के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रहेगी
मुख्यमंत्री ने सभी पंजाबियों से एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि राज्य को फिर से खड़ा करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो वह प्रधानमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से नहीं डरते और राज्य के हितों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि सभी नेता अपने मतभेद भुलाकर राज्य की भलाई के लिए काम करें।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा थी, न कि मानव निर्मित। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि क्या अन्य राज्यों में आई बाढ़ भी उनकी सरकार द्वारा योजनाबद्ध थी। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में राजनीति करने से बचना चाहिए।
बाढ़ से प्रभावित 2,300 गांव
मुख्यमंत्री ने बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि 2,300 से अधिक गांव डूब गए, 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए और 5 लाख एकड़ फसलें नष्ट हो गईं। उन्होंने कहा कि इस आपदा में 56 लोगों की जान गई और लगभग 7 लाख लोग बेघर हो गए। 3,200 सरकारी स्कूल, 19 कॉलेज, 1,400 क्लीनिक और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए, और 8,500 किलोमीटर सड़कें नष्ट हो गईं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार कुल नुकसान लगभग 13,800 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नालियों की सफाई का कार्य अधिक कुशलता से किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान 2066 किलोमीटर नालियों की सफाई की गई थी, जबकि उनकी सरकार ने केवल तीन वर्षों में 3825 किलोमीटर नालियों की सफाई की है। उन्होंने केंद्र सरकार से भाखड़ा और पौंग बांध से गाद निकालने की मांग की है।
आई.एम.डी. की भविष्यवाणियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इस एजेंसी द्वारा की गई सभी भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन इस एजेंसी की भविष्यवाणी से 1961 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग बांध में 1988 की तुलना में 60.4 प्रतिशत अधिक पानी आया, जो एक बड़ी आपदा थी। राज्य आपदा राहत कोष (एस.डी.आर.एफ.) के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में राज्य को केवल 6190 करोड़ रुपये मिले हैं।
राज्य को केवल 1600 करोड़ रुपये का पैकेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पंजाब को केवल 1600 करोड़ रुपये दिए, जो बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए बहुत कम है। उन्होंने कहा कि यह राशि प्रत्येक गांव के लिए केवल 80 लाख रुपये है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वास्तविक बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने के बजाय केवल कांग्रेस के कुछ नेताओं से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावी ढंग से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पहली बाढ़ नियंत्रण बैठक 4 अप्रैल को की गई थी, जबकि पिछली सरकारों ने ये बैठकें जुलाई में की थीं। उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास के लिए रंगला पंजाब फंड शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फंड का उपयोग बाढ़ प्रभावित लोगों की भलाई के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अब कंक्रीट की दीवारें बनाने की बात कर रहे हैं, जबकि लोग सच्चाई जानते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कुछ नहीं किया।