पंजाब में आईओएल का बड़ा निवेश: दवा उद्योग में नई क्रांति का आगाज़

आईओएल का विस्तार: पंजाब में दवा उद्योग का नया अध्याय
पंजाब समाचार: आईओएल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने बरनाला में अपने संयंत्र का विशाल विस्तार शुरू किया है। इस परियोजना में लगभग ₹1133 करोड़ का निवेश किया जा रहा है, जो पंजाब को दवा उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बनाने में सहायक होगा। कंपनी पहले से ही विश्व की सबसे बड़ी आइबुप्रोफेन निर्माता है। इस विस्तार से अन्य दवाओं का उत्पादन भी बढ़ेगा और देश की आयात पर निर्भरता कम होगी। यह निवेश पंजाब के इतिहास में सबसे बड़े निवेशों में से एक माना जा रहा है, जिससे राज्य को नई पहचान मिलेगी।
नई औद्योगिक नीति का प्रभाव
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने एक पारदर्शी और निवेशक-हितैषी नीति लागू की है। पहले जहां बड़ी कंपनियों को अनुमति प्राप्त करने में वर्षों लगते थे, वहीं अब लालफीताशाही को समाप्त कर त्वरित मंजूरी दी जा रही है। ईमानदार नीयत और त्वरित निर्णय लेने के कारण पंजाब अब उद्योगपतियों की पसंदीदा जगह बन गया है। आईओएल का बरनाला विस्तार इस बदलाव का एक प्रमुख उदाहरण है। यह नीति दर्शाती है कि पंजाब अब निवेश के लिए पूरी तरह तैयार है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
इस परियोजना से पंजाब के हजारों युवाओं को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। तकनीकी इंजीनियरों से लेकर फैक्ट्री कर्मचारियों तक, हर स्तर पर नए अवसर खुलेंगे। हर नई नौकरी केवल एक युवक के लिए नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार के लिए खुशहाली लाएगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह परियोजना प्रवास की प्रवृत्ति को भी रोकेगी, क्योंकि अब रोजगार पंजाब में ही उपलब्ध होगा। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह निवेश पंजाब की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करेगा।
उत्पादन क्षमता में वृद्धि
बरनाला यूनिट में कई नए संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसमें 33 मेगावॉट का पावर प्लांट शामिल है, जिसकी क्षमता को 30 मेगावॉट तक बढ़ाया जाएगा। प्रतिदिन 860 टन रसायन और एपीआई का उत्पादन होगा। बड़े पैमाने पर नई दवाओं का निर्माण भी होगा, जिससे भारत आत्मनिर्भर बनेगा। कंपनी नई तकनीक और आधुनिक प्रणालियों का उपयोग करेगी, जिससे बरनाला यूनिट देश के सबसे उन्नत फार्मा प्लांट्स में से एक बन जाएगा।
पर्यावरण सुरक्षा पर ध्यान
कंपनी ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए लगभग ₹13.90 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसमें स्वच्छ ऊर्जा, जल शुद्धिकरण और अपशिष्ट प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा। सह-उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है, जिससे गैर-नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी। सरकार ने इस पहल की सराहना की है और कहा है कि विकास और पर्यावरण एक साथ चल सकते हैं। स्थानीय लोग भी इस कदम से संतुष्ट हैं और इसे जिम्मेदार निवेश मानते हैं।
पंजाब की नई पहचान
इस निवेश के माध्यम से पंजाब केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि फार्मा पावरहाउस के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा। यह कदम 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवाओं का निर्यातक भी बनेगा। इससे न केवल आर्थिक विकास होगा, बल्कि देश का गौरव भी बढ़ेगा। पंजाब अब स्वास्थ्य सेवा और उद्योग दोनों में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हमेशा कहा है कि ईमानदार शासन और त्वरित निर्णय ही प्रगति की कुंजी हैं। यह परियोजना इस सोच को सही साबित करती है। सरकार ने न केवल नीति बनाई बल्कि उसे वास्तविकता में भी उतारा। बरनाला का यह विस्तार केवल एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि पंजाब की प्रगति का प्रतीक है। यह निवेश दर्शाता है कि पंजाब अब सच में 'रंगला पंजाब' बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।