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पंजाब में उद्योगों के लिए अग्निशमन एनओसी की प्रक्रिया को सरल बनाया गया

पंजाब सरकार ने उद्योगों के लिए अग्निशमन एनओसी की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नए नियमों के तहत, औद्योगिक इमारतों की ऊंचाई बढ़ाई गई है और एनओसी की वैधता अवधि को बढ़ाया गया है। उद्योगों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिससे उच्च जोखिम वाले उद्योगों को वार्षिक एनओसी की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, 53 बिंदुओं की चेकलिस्ट को समाप्त कर दिया गया है, जिससे उद्योगों को राहत मिलेगी। जानें इस नए बदलाव के बारे में अधिक जानकारी।
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पंजाब में उद्योगों के लिए अग्निशमन एनओसी की प्रक्रिया को सरल बनाया गया

अग्निशमन सेवाओं में सुधार


योग्य आर्किटेक्ट द्वारा तैयार अग्निशमन योजना को मान्यता दी जाएगी


पंजाब सरकार ने राज्य में अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाने और उद्योगों के लिए व्यापार प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट, 2024 लागू किया गया है, जिसके तहत औद्योगिक इमारतों की अधिकतम ऊंचाई 18 मीटर से बढ़ाकर 21 मीटर कर दी गई है।


एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया

उद्योग मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि 27 जून को जारी अधिसूचना के अनुसार, विभिन्न उद्योगों के जोखिम वर्गीकरण के आधार पर, कई उद्योगों के लिए फायर सेफ्टी एनओसी की वैधता अवधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 से 5 वर्ष कर दी गई है।


उद्योगों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। केवल उच्च जोखिम वाले उद्योगों को वार्षिक एनओसी की आवश्यकता होगी, जबकि कम जोखिम वाले उद्योगों के लिए एनओसी की वैधता 5 वर्ष और मध्यम जोखिम वाले उद्योगों के लिए 3 वर्ष होगी। इस निर्णय से लालफीताशाही में कमी आएगी और उद्यमियों को अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी।


उद्योगों का वर्गीकरण

कम जोखिम वाले उद्योगों की सूची में 43, मध्यम जोखिम वाले उद्योगों में 63 और उच्च जोखिम वाले उद्योगों में 39 उद्योग शामिल हैं। योग्य आर्किटेक्ट द्वारा तैयार अग्निशमन योजना को विभाग द्वारा स्वीकार किया जाएगा, और किसी अन्य एजेंसी से जांच कराने की आवश्यकता नहीं होगी।


चेकलिस्ट की समाप्ति

उद्योग मंत्री ने बताया कि फायर एनओसी के लिए आवेदन करते समय 53 बिंदुओं की चेकलिस्ट प्रस्तुत करने की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। अब इमारत के मालिक को ऑनलाइन वार्षिक स्व-प्रमाणीकरण प्रस्तुत करने की अनुमति होगी। इन फैसलों से उद्योगों को राहत मिलेगी और वे अपने व्यापारिक विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।


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