Newzfatafatlogo

पंजाब में औद्योगिक विकास के लिए 180 करोड़ रुपये का आवंटन

पंजाब सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए 180 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि यह राशि विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत वितरित की जाएगी। इसके साथ ही, राज्य में औद्योगिक फोकल पॉइंट स्थापित करने की योजना भी है, जो भविष्य में विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी। इस पहल से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जानें इस महत्वपूर्ण कदम के बारे में अधिक जानकारी।
 | 
पंजाब में औद्योगिक विकास के लिए 180 करोड़ रुपये का आवंटन

पंजाब औद्योगिक क्रांति का ऐतिहासिक मील का पत्थर


पंजाब सरकार का औद्योगिक विकास के प्रति समर्पण


पंजाब में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इस दिशा में, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए 180 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह जानकारी उन्होंने एक प्रेस बयान में साझा की, जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार के वित्तीय प्रबंधन की मजबूती के बारे में बताया।


उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में उद्योगों के लिए 250 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 72 प्रतिशत पहले ही वितरित किया जा चुका है। यह निवेश 'आप' सरकार की औद्योगिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।


भविष्य में और भी राशि का आवंटन

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इस प्रोत्साहन राशि के अलावा, राज्य के विभिन्न जिलों में औद्योगिक फोकल पॉइंट स्थापित करने के लिए भी धनराशि आवंटित की जाएगी। यह कदम भविष्य के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 'पंजाब औद्योगिक क्रांति' के परिणामों पर जोर दिया।


उन्होंने कहा कि आज लॉन्च किया गया फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।


युवाओं के लिए रोजगार के अवसर

वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में औद्योगिक विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार नए उद्योगों की स्थापना में किसी भी बाधा को दूर करने के लिए क्रांतिकारी प्रशासनिक सुधारों को लागू कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयासों में कोई वित्तीय कमी नहीं होगी।