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पंजाब में किसान आंदोलन: पुलिस ने कई नेताओं को नजरबंद किया

पंजाब में किसान आंदोलन के चलते पुलिस ने कई प्रमुख नेताओं को नजरबंद कर दिया है। किसान आज रेलवे ट्रैक जाम करने की योजना बना रहे हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। जानें किसानों की मुख्य मांगें और रेलवे की तैयारियों के बारे में। यह आंदोलन किसानों के हितों की रक्षा के लिए है और सरकार को उनकी आवाज सुनने के लिए मजबूर करने का प्रयास है।
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पंजाब में किसान आंदोलन: पुलिस ने कई नेताओं को नजरबंद किया

पुलिस की कार्रवाई और किसान आंदोलन


सुबह-सुबह कई किसान नेताओं के घर पहुंची पुलिस, आज किसानों ने करना है रेल यातायात बाधित


चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने आज सुबह कई प्रमुख किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब अधिकांश किसान नेता सो रहे थे। आज किसान एक बार फिर से ट्रेन रोकने की योजना बना रहे हैं। यह प्रदर्शन किसान मजदूर मोर्चा और अन्य संगठनों के बैनर तले आयोजित किया जाएगा।


पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, यह प्रदर्शन राज्य के 19 जिलों में 26 स्थानों पर होगा, जिसमें रेल यातायात बाधित किया जाएगा। किसान संगठनों का यह प्रदर्शन दोपहर एक बजे से शुरू होकर तीन बजे तक चलेगा। इस दौरान न केवल पंजाब में, बल्कि दिल्ली से जम्मू, जम्मू से दिल्ली, अमृतसर से दिल्ली और बठिंडा से अन्य स्थानों पर ट्रेनों के लेट होने की संभावना है।


किसान आंदोलन के कारण

किसान इसलिए कर रहे यातायात बाधित


किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के संयोजक सरवण पंधेर ने बताया कि उनकी तीन मुख्य मांगें हैं: बिजली संशोधन बिल-2025 को रद्द करना, पंजाब में प्रीपेड बिजली मीटर हटाना और सरकारी जमीनों की बिक्री पर रोक लगाना। पंधेर ने कहा कि यह आंदोलन किसानों और मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए है और इसका उद्देश्य सरकारों को इन मुद्दों पर जनता की आवाज सुनने के लिए मजबूर करना है।


रेलवे की तैयारियां

किसानों के प्रदर्शन को लेकर रेलवे ने की तैयारी


पंजाब में किसान आज रेलवे ट्रैक जाम करेंगे। लुधियाना, जालंधर और अमृतसर सहित 19 जिलों में 26 स्थानों पर किसान रेलवे ट्रैक पर बैठेंगे। किसानों का प्रदर्शन दोपहर 1 से 3 बजे तक होगा। इस दौरान रेलवे ने ट्रेनों को जाम के समय रोकने, टर्मिनेट करने या कैंसिल करने की तैयारी कर ली है। हालांकि, अभी इसकी सूची जारी नहीं की गई है।


इस 2 घंटे के दौरान ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, किसानों ने हाईवेज पर जाम या प्रदर्शन नहीं करने का निर्णय लिया है। रेलवे प्रबंधन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जीआरपी के साथ बातचीत कर ली है। इसके साथ ही किसान संगठनों से अपील की गई है कि वे रेलवे की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं और यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।