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पंजाब में नशे के खिलाफ नई पहल: गांव-गांव बनेंगी डिफेंस कमेटियां

पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ एक नई पहल की घोषणा की है, जिसमें गांव-गांव डिफेंस कमेटियों का गठन किया जाएगा। यह योजना लुधियाना से शुरू होगी, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान इसका शुभारंभ करेंगे। इन कमेटियों का उद्देश्य नशे के प्रभाव को कम करना और स्थानीय लोगों को इस लड़ाई में शामिल करना है। हर वार्ड में स्थानीय लोग नशे के खिलाफ निगरानी रखेंगे, जिससे नशे के फैलाव को रोका जा सकेगा। जानें इस योजना के सभी पहलुओं के बारे में।
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पंजाब में नशे के खिलाफ नई पहल: गांव-गांव बनेंगी डिफेंस कमेटियां

पंजाब सरकार की नई योजना

पंजाब न्यूज. पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करने के लिए गांवों में डिफेंस कमेटियों के गठन की घोषणा की है। इस योजना का पहला चरण लुधियाना से शुरू होगा, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। सरकार का मानना है कि यह पहल गांवों में नशे के प्रभाव को कम करने में सहायक होगी, और लोग इस लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।


वार्ड स्तर पर निगरानी का विस्तार

वार्ड स्तर पर निगरानी बढ़ेगी

केवल गांवों में ही नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्रों के वार्डों में भी डिफेंस कमेटियों का गठन किया जाएगा। हर वार्ड में स्थानीय निवासी नशे के खिलाफ निगरानी रखेंगे। इससे नशे के फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी, और अब नशा रोकने की जिम्मेदारी केवल पुलिस की नहीं, बल्कि आम जनता की भी होगी। इससे नशे के खिलाफ अभियान को और गति मिलेगी।


कमेटी में शामिल होने वाले सदस्य

कौन होंगे कमेटी में शामिल

इन डिफेंस कमेटियों में शामिल होने के लिए सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्राथमिकता सेवानिवृत्त सैनिकों, स्थानीय शिक्षकों और नंबरदारों को दी जाएगी, क्योंकि ये लोग क्षेत्र की स्थिति को भली-भांति समझते हैं और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी अधिक होती है। इससे नशे के खिलाफ सामाजिक दबाव भी उत्पन्न होगा।


टीम का आकार

10 से 20 लोगों की टीम

हर गांव या वार्ड में बनने वाली डिफेंस कमेटी में न्यूनतम 10 और अधिकतम 20 सदस्य होंगे। यह संख्या क्षेत्र की जनसंख्या के अनुसार निर्धारित की जाएगी। छोटी टीम होने पर कार्य करना आसान होगा, जबकि बड़ी टीम नशे पर अधिक प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर सकेगी। सरकार चाहती है कि हर गांव में यह टीम पूरी जिम्मेदारी से कार्य करे।


नशे के खिलाफ जंग का उद्देश्य

नशा खत्म करने का मकसद

इस योजना का मुख्य उद्देश्य नशे को पूरी तरह समाप्त करना है। पंजाब के कई गांव लंबे समय से नशे की समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार का मानना है कि जनता की भागीदारी के बिना यह लड़ाई अधूरी है। जब गांव का हर सदस्य नशे के खिलाफ प्रयास करेगा, तभी वास्तविक परिवर्तन संभव है। मुख्यमंत्री मान ने इसे "युद्ध नशे के विरुद्ध" का नाम दिया है।


सदस्यों को प्रशिक्षण

लोगों को मिलेगा प्रशिक्षण

डिफेंस कमेटियों के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसमें उन्हें नशे के मामलों की पहचान करने और पुलिस को सही जानकारी देने के तरीके सिखाए जाएंगे। यह प्रशिक्षण जल्दी पूरा किया जाएगा ताकि त्वरित परिणाम मिल सकें। इस प्रक्रिया से कमेटी के सदस्य अधिक सक्रिय और जिम्मेदार बनेंगे।


लुधियाना से शुरूआत

लुधियाना से बड़ी शुरुआत

मुख्यमंत्री भगवंत मान इस योजना की शुरुआत लुधियाना से कर रहे हैं, क्योंकि यहां नशे के मामलों की संख्या अधिक है। यदि यहां सफलता मिलती है, तो इसे पूरे पंजाब में लागू किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से पंजाब का भविष्य नशामुक्त होगा और युवा सही दिशा में लौटेंगे।