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पंजाब में नशे के खिलाफ शिक्षा का नया अभियान

पंजाब में नशे की समस्या को खत्म करने के लिए भगवंत मान सरकार ने एक नया पाठ्यक्रम शुरू किया है, जो सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को नशे से बचने की शिक्षा देगा। इस कार्यक्रम में लगभग 8 लाख छात्र शामिल होंगे, और इसे नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी की टीम ने तैयार किया है। यह कदम न केवल शिक्षा का हिस्सा है, बल्कि एक सामाजिक क्रांति का प्रतीक भी है।
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पंजाब में नशे के खिलाफ शिक्षा का नया अभियान

पंजाब में नशे के खिलाफ बदलाव

पंजाब समाचार: पंजाब में नशे की समस्या ने कई परिवारों को प्रभावित किया है, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। भगवंत मान सरकार ने नशे के खिलाफ एक नई रणनीति अपनाई है, जिसमें स्कूलों में शिक्षा के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाएगी। यह कदम न केवल कार्रवाई का हिस्सा है, बल्कि एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत भी है।


स्कूलों में नशे से बचाव की शिक्षा

नशे से बचाव का पाठ्यक्रम


1 अगस्त से, पंजाब के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को नशे से बचाव के लिए एक वैज्ञानिक पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। यह निर्णय केवल एक पाठ्यक्रम शुरू करने का नहीं है, बल्कि पंजाब के भविष्य को सुरक्षित करने का एक प्रयास है। इस पाठ्यक्रम को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी की टीम ने विकसित किया है, जिसे शिक्षा विशेषज्ञों द्वारा भी सराहा गया है।


8 लाख छात्रों की भागीदारी

छात्रों की संख्या


इस कार्यक्रम में लगभग 8 लाख छात्र शामिल होंगे, जिन्हें 27 हफ्तों तक हर पंद्रहवें दिन 35 मिनट की कक्षाएं दी जाएंगी। इन कक्षाओं में बच्चों को नशे के खिलाफ खड़े होने और सही निर्णय लेने की शिक्षा दी जाएगी। इस कार्य के लिए 6,500 से अधिक शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।


पायलट प्रोजेक्ट की सफलता

अमृतसर और तरनतारन में शुरुआत


यह पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ इस तरह का ठोस कदम उठाया है। इस पाठ्यक्रम में बच्चों को फिल्में दिखाई जाएंगी, प्रश्नोत्तरी करवाई जाएगी, और इंटरेक्टिव गतिविधियों के माध्यम से उनकी सोच को विकसित किया जाएगा। अमृतसर और तरनतारन के 78 स्कूलों में इस प्रोजेक्ट का पायलट परीक्षण किया गया, जिसके परिणाम उत्साहजनक रहे।


बच्चों में जागरूकता

इच्छाशक्ति का विकास


पायलट प्रोजेक्ट में 9,600 बच्चों में से 90% ने स्वीकार किया कि चिट्टा जैसी ड्रग्स एक बार लेने पर लत लग सकती है। पहले जहां 50% बच्चे मानते थे कि इच्छाशक्ति से नशा छोड़ा जा सकता है, अब यह संख्या घटकर 20% रह गई है। यह दर्शाता है कि सही शिक्षा से सोच में बदलाव संभव है।


सजा से समस्या का समाधान नहीं

सरकार की नीति


मार्च 2025 से शुरू हुए नशे के खिलाफ अभियान में 23,000 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, सरकार जानती है कि केवल सजा से समस्या का समाधान नहीं होगा। असली बदलाव तब होगा जब बच्चे खुद कहें कि वे नशे से दूर रहेंगे।


भगवंत मान सरकार का दृष्टिकोण

सामाजिक क्रांति की दिशा में कदम


भगवंत मान सरकार का यह कदम केवल एक शिक्षा नीति नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक क्रांति का प्रतीक है। यह सरकार केवल बात नहीं करती, बल्कि कार्य करती है। आज की शुरुआत भविष्य के नशामुक्त पंजाब की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।