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पंजाब में निवेश का नया दौर: 67,672 नौकरियों का निर्माण

पंजाब में निवेश की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे विकास और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने राज्य में औद्योगिक माहौल को बदलने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें ₹29,480 करोड़ का निवेश और 67,672 नई नौकरियों का सृजन शामिल है। जानें कैसे यह सब संभव हुआ और पंजाब अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
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पंजाब में निवेश का नया दौर: 67,672 नौकरियों का निर्माण

पंजाब में निवेश की बढ़ती लहर

पंजाब समाचार: पंजाब में निवेश की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे विकास और रोजगार की चर्चा हर जगह हो रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के प्रयासों से राज्य का औद्योगिक वातावरण पूरी तरह से बदल गया है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक पंजाब में ₹29,480 करोड़ का निवेश हो चुका है, जिससे 67,672 नई नौकरियों का सृजन होने की संभावना है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि पंजाब अब निवेशकों की प्राथमिक पसंद बनता जा रहा है। पिछले ढाई वर्षों में मान सरकार ने कुल मिलाकर ₹88,000 करोड़ से अधिक का निवेश राज्य में लाने में सफलता हासिल की है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।


टाटा स्टील लिमिटेड ने ₹2,600 करोड़, सनातन पॉलीकॉट प्राइवेट लिमिटेड ने ₹1,600 करोड़, और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड जैसी प्रमुख कंपनियों ने पंजाब में निवेश किया है। इसके अतिरिक्त, इंफोसिस ने मोहाली में अपने संचालन को बढ़ाने के लिए लगभग ₹300 करोड़ के निवेश की घोषणा की है, जिससे 2,500 सीधी और 210 अप्रत्यक्ष नौकरियां पंजाबियों को मिलेंगी। यह सब मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शी नीतियों और उद्योग-समर्थक माहौल का परिणाम है। सरकार ने शुरू से ही यह सुनिश्चित किया था कि पंजाब को उद्योगों के लिए सबसे सरल और पारदर्शी राज्य बनाया जाए, और इसी दिशा में निरंतर प्रयास किए गए हैं।


निवेश प्रोत्साहन पोर्टल का नया लॉन्च मान सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हुआ है। इस पोर्टल के पुनः लॉन्च के बाद प्रोजेक्ट आकर्षण में 167% की वृद्धि हुई है। पहले निवेशकों को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, और फाइलें एक विभाग से दूसरे विभाग में महीनों तक घूमती रहती थीं। लेकिन अब यह पोर्टल एक वन-स्टॉप समाधान बन गया है, जहां निवेशक घर बैठे ऑनलाइन सभी आवश्यक अनुमतियाँ और मंजूरियाँ प्राप्त कर सकते हैं। इससे समय की बचत हुई है और पारदर्शिता भी बढ़ी है। अब कोई फाइल अटकती नहीं है, और निवेशकों को अपने प्रोजेक्ट की स्थिति का पता रहता है।


सरकार ने सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया है, जिसके तहत सभी विभागों की मंजूरी एक ही स्थान पर मिल जाती है। इसके अलावा, औद्योगिक भूमि बैंक भी स्थापित किया गया है, ताकि निवेशकों को भूमि खोजने में कोई कठिनाई न हो। राज्य सरकार ने टैक्स में छूट, सब्सिडी, और सरल लाइसेंसिंग की व्यवस्था भी की है। विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए कई सुविधाएँ प्रदान की गई हैं, जिससे वे बिना किसी रुकावट के अपना कार्य आरंभ कर सकें। ये सभी कदम मान सरकार की उस सोच को दर्शाते हैं, जिसमें लालफीताशाही को समाप्त करके कार्य को तेजी से आगे बढ़ाना है।


मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब ने केवल ढाई वर्षों में ₹86,541 करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित किया है, जो राज्य की आर्थिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह निवेश विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है - मैन्युफैक्चरिंग, आईटी और सॉफ्टवेयर, कृषि-आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, और पर्यटन। यह विविधता यह सुनिश्चित करती है कि हर प्रकार के कौशल वाले युवाओं को रोजगार मिले। शहरों के साथ-साथ छोटे कस्बों और गांवों में भी उद्योग स्थापित हो रहे हैं, जिससे पलायन रुक रहा है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।


मार्च 2022 से अब तक पंजाब को ₹1.14 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 4.5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि पंजाब अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है, और जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन जैसी देशों की कंपनियाँ यहाँ निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं। यह सब तभी संभव हुआ है जब सरकार ने ईमानदारी से कार्य किया है, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखा है, और निवेशकों को विश्वास दिलाया है कि उनका पैसा सुरक्षित है और उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएँ मिलेंगी।


पंजाब सरकार ने हाल ही में 24 सलाहकार पैनल भी बनाए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मिलकर बने हैं। इन पैनलों का कार्य उद्योगों को और अधिक बढ़ावा देना, नई नीतियाँ बनाना, और निवेशकों की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है। इस प्रकार की पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार केवल घोषणाएँ नहीं कर रही, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य भी कर रही है। उद्योगपतियों और व्यापारियों ने भी मान सरकार की प्रशंसा की है और कहा है कि पंजाब में अब कार्य करना बहुत आसान हो गया है।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई बार यह कहा है कि पंजाब के युवाओं को रोजगार देना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए हर निवेश प्रस्ताव को मंजूरी देते समय यह देखा जाता है कि उससे कितनी नौकरियाँ उत्पन्न होंगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष में आए ₹29,480 करोड़ के निवेश से 67,672 नौकरियाँ मिलने की संभावना है, जो पंजाब के हजारों परिवारों के लिए आशा की किरण है। ये नौकरियाँ केवल एक शहर या एक क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे राज्य में फैली हुई हैं। इससे हर जिले, हर तहसील के युवाओं को लाभ होगा।


विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पंजाब में निवेश की यही गति बनी रही, तो अगले दो-तीन वर्षों में राज्य की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी। पंजाब न केवल रोजगार के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश के औद्योगिक नक्शे पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाएगा। मान सरकार ने जो नींव रखी है, वह मजबूत है। अब आवश्यकता केवल इस बात की है कि इसी तरह से कार्य जारी रहे, नीतियाँ लागू होती रहें, और निवेशकों का विश्वास बना रहे। पंजाब की भूमि अब उद्योगों के लिए भी उपजाऊ साबित हो रही है.