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पंजाब में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, मंडी गोबिंदगढ़ सबसे प्रभावित

पंजाब में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां मंडी गोबिंदगढ़ सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यहां का एक्यूआई 320 तक पहुंच गया है, जबकि अन्य शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या और चंडीगढ़ की खराब हवा ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। जानें इस मुद्दे के पीछे के कारण और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव।
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पंजाब में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, मंडी गोबिंदगढ़ सबसे प्रभावित

मंडी गोबिंदगढ़ में 320 एक्यूआई के साथ प्रदूषण की गंभीरता


पंजाब में कई शहर व जिले वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे लोगों को सांस संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिम से आने वाली धूल भरी तेज हवाएं और खेतों में पराली जलाना इसके मुख्य कारण हैं।


पंजाब में मंडी गोबिंदगढ़ सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 320 दर्ज किया गया। इसके बाद खन्ना का एक्यूआई 307 और पटियाला का 286 रहा। अन्य शहरों में जालंधर का 177, लुधियाना का 187, रूपनगर का 130, अमृतसर का 127 और बठिंडा का 114 एक्यूआई दर्ज किया गया।


किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या

सरकार की अपीलों और न्यायालय के आदेशों के बावजूद, किसान खेतों में पराली जलाना जारी रखे हुए हैं। रविवार को पराली जलाने के 178 नए मामले सामने आए, जिससे कुल मामले 2262 हो गए हैं। पिछले दो वर्षों की तुलना में यह संख्या कम है, क्योंकि 2024 में इसी समय तक 3916 और 2023 में 11262 मामले दर्ज किए गए थे। तरनतारन में सबसे अधिक 444 मामले सामने आए हैं, जबकि संगरूर में 406 स्थानों पर पराली जलाई गई है।


चंडीगढ़ में प्रदूषण की स्थिति

चंडीगढ़ की हवा रविवार को फिर से खराब श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह स्तर विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है।