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पंजाब में फिर से बाढ़ का खतरा: मौसम विभाग का अलर्ट

पंजाब में मौसम विभाग ने 5 से 7 अक्टूबर के बीच भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे बाढ़ का खतरा फिर से बढ़ गया है। रणजीत सागर डैम से पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे कई जिलों में बाढ़ की आशंका है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
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पंजाब में फिर से बाढ़ का खतरा: मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट


पंजाब में मानसून के दौरान आई भयंकर बाढ़ का पानी अभी सूखा नहीं है कि एक बार फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। मौसम विभाग ने 5 से 7 अक्टूबर के बीच हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस चेतावनी के मद्देनजर, सभी प्रमुख बांधों से जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है, जिससे पंजाब में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।


मौसम में बदलाव का कारण

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय हो गया है, जिसके कारण बारिश की नई संभावना उत्पन्न हुई है। इस मौसमी गतिविधि के चलते उत्तरी भारत, विशेषकर हिमाचल और पंजाब में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। हरियाणा में भी अच्छी बारिश की उम्मीद है।


रणजीत सागर डैम से पानी छोड़ने की प्रक्रिया

शनिवार को रणजीत सागर डैम से लगभग 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यह डैम रावी नदी पर स्थित है और इससे छोड़ा गया पानी सीधे रावी में बहता है, जिससे पंजाब के गुरदासपुर, अमृतसर और फिरोजपुर जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी है। इस स्थिति को देखते हुए, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने पौंग डैम से 82 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया है।


बाढ़ का खतरा बढ़ने के कारण

पंजाब में बाढ़ का खतरा इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि हाल की बाढ़ के कारण कई नहरें और दरिया के किनारे टूट चुके हैं। यदि बांधों से पानी छोड़ा जाता है, तो यह क्षतिग्रस्त किनारों के कारण आबादी वाले क्षेत्रों में आसानी से पहुंच सकता है। टूटे हुए तटबंधों की मरम्मत का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है, जिससे बाढ़ आने पर पंजाब के निवासियों को फिर से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।