पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर, सेना की तैनाती

बाढ़ से प्रभावित जनजीवन
पंजाब में बाढ़ का संकट बढ़ता जा रहा है। लाखों एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। राज्य के सात जिलों में स्थिति अत्यंत गंभीर है। यहाँ न केवल फसलें, बल्कि कृषि योग्य भूमि भी बाढ़ के कारण कटकर बह गई है। रिहायशी क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी भारी नुकसान पहुंचा रहा है। लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।
सबसे अधिक प्रभावित जिले
ये जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए
पठानकोट, होशियारपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर जैसे जिले बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। तरनतारन और अमृतसर में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में पौंग बांध और रणजीत सागर बांध का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। स्थिति को देखते हुए पंजाब पुलिस, सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) राहत कार्य में जुट गए हैं।
बांधों से पानी का प्रवाह
बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा
मंगलवार को आरएसडी से 1.70 हजार क्यूसेक पानी रावी दरिया में छोड़ा गया। पौंग बांध से 63247 क्यूसेक पानी ब्यास दरिया में छोड़ा गया। भाखड़ा डैम से भी पानी का प्रवाह जारी है। कई क्षेत्रों में धुस्सी बांध टूटने से गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और दर्जनों घरों को नुकसान पहुंचा है।
सरकार की राहत योजनाएं
सरकार करवाएगी विशेष गिरदावरी
पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की विशेष गिरदावरी कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा। कपूरथला जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पहाड़ी राज्यों में हो रही लगातार बारिश के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।