पंजाब में भीषण बाढ़ से 30 लोगों की मौत, राहत कार्य जारी

पंजाब में बाढ़ का संकट
पंजाब बाढ़: पंजाब हाल के वर्षों में आई सबसे गंभीर बाढ़ का सामना कर रहा है। राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री स. हरदीप सिंह मुंडियां ने जानकारी दी कि 23 जिलों में फैली इस आपदा ने 30 लोगों की जान ले ली है और 3,54,626 लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार राहत कार्यों में जुटी हुई है। मंत्री ने कहा, "राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समय पर राहत पहुंचाने, लोगों को सुरक्षित निकालने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।"
सुरक्षित निकाले गए लोग
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अब तक निचले और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 19,597 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें गुरदासपुर से 5581, फिरोजपुर से 3432, अमृतसर से 2734, फाजिल्का से 2422, होशियारपुर से 1615, कपूरथला से 1428 और पठानकोट से 1139 लोग शामिल हैं। इसके अलावा बरनाला (369), जालंधर (474), रूपनगर (65), मानसा (163), मोगा (115) और तरन तारन से (60) लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
राहत शिविरों की स्थापना
प्रभावित गांव और फसल नुकसान
उन्होंने आगे बताया कि प्रभावित परिवारों को आश्रय और आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए पंजाब भर में 174 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इनमें बरनाला में 29, पटियाला में 26, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, अमृतसर में 16, पठानकोट में 14, फाजिल्का में 10, मोगा में 9, फिरोजपुर और जालंधर में 8-8, कपूरथला में 4, रूपनगर में 3 और मानसा व संगरूर में 1-1 शिविर शामिल हैं। इन शिविरों में 5167 लोग रह रहे हैं, जिनमें से सबसे अधिक होशियारपुर (1041), फाजिल्का (1304), फिरोजपुर (706), गुरदासपुर (424), अमृतसर (371), बरनाला (369) और जालंधर (474) के हैं।
गांवों का नुकसान
गांवों के नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए स. मुंडियां ने बताया कि कुल 1400 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इनमें सबसे अधिक प्रभावित गुरदासपुर जिले के 324 गांव, अमृतसर के 135, होशियारपुर के 119, कपूरथला के 115, मानसा के 108, फिरोजपुर के 93, पठानकोट के 82, फाजिल्का के 72, जालंधर के 62 और तरन तारन के 66 गांव हैं। इसके अलावा मोगा के 48, रूपनगर के 44, बरनाला के 34, लुधियाना के 26, श्री मुक्तसर साहिब के 23, पटियाला के 16, फरीदकोट के 15, संगरूर के 13 और मलेरकोटला के 5 गांव प्रभावित हुए हैं।
भविष्य की योजनाएं
नुकसान और भविष्य की योजनाएं
स. हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ के कारण पंजाब के 13 जिलों में कुल 3,54,626 की आबादी प्रभावित हुई है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में गुरदासपुर में 1,45,000 लोग, अमृतसर में 1,17,534, फिरोजपुर में 38,112 और फाजिल्का में 21,562 लोग प्रभावित हुए हैं। अन्य जिलों में पठानकोट में 15,053, कपूरथला में 5748, एस.ए.एस. नगर में 7000, होशियारपुर में 1960 और जालंधर में 991 लोग प्रभावित हुए हैं। कम प्रभावित जिलों में बरनाला (403), मोगा (800), रूपनगर (300) और मानसा (163) लोग प्रभावित हुए हैं।
फसल का नुकसान
उन्होंने बताया कि राज्य में 1,48,590 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल को नुकसान पहुँचा है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में गुरदासपुर (40,193 हेक्टेयर), मानसा (27,291), अमृतसर (23,000), कपूरथला (14,934), फिरोजपुर (14,665) और तरन तारन (11,883 हेक्टेयर) शामिल हैं। इसके अलावा होशियारपुर (5971), जालंधर (3000) और पठानकोट (2442) हेक्टेयर भी प्रभावित हुए। इसी तरह एस.ए.एस. नगर (2000), पटियाला (1450), मोगा (949), रूपनगर (300), फरीदकोट (141), लुधियाना (108), बठिंडा (97), श्री मुक्तसर साहिब (84), फाजिल्का (64), एसबीएस नगर (7), मलेरकोटला (5), संगरूर (3), बरनाला (2) और फतेहगढ़ साहिब में (1) हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है।
राहत कार्यों में सुरक्षा बलों की तैनाती
राहत कार्यों में सुरक्षा बलों की तैनाती के बारे में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रभावित जिलों में 23 एन.डी.आर.एफ. टीमें पूरी मेहनत से काम कर रही हैं, जिनमें पठानकोट में (1) टीम, गुरदासपुर (6), अमृतसर (6), फिरोजपुर (3), फाजिल्का (3), बठिंडा (1), जालंधर (2) और रूपनगर में (1) टीम शामिल है। सेना, वायुसेना और नौसेना ने बचाव और राहत कार्यों के लिए 12 टुकड़ियाँ तैनात की हैं और 8 टुकड़ियों को तैयार रखा गया है। इसके साथ ही 2 इंजीनियर टीमें और लगभग 35 हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में लगे हुए हैं। बीएसएफ सीमा जिलों में ज़मीनी स्तर पर सहायता प्रदान कर रही है। इसके अलावा राहत सामग्री पहुँचाने और लोगों को बाहर निकालने के लिए 114 नावें और राज्य का एक हेलीकॉप्टर भी काम में लगाया गया है।
कैबिनेट मंत्री की जानकारी
कैबिनेट मंत्री ने दी जानकारी
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 1 अगस्त से 2 सितम्बर तक 12 जिलों में कुल 30 लोगों की जान गई है, जिनमें से सबसे अधिक 6 मौतें पठानकोट में हुई हैं और पठानकोट के 3 लोग अब भी लापता हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद पशुओं और बुनियादी ढाँचे के नुकसान का आकलन किया जाएगा, लेकिन शुरुआती रिपोर्टें भारी नुकसान की ओर इशारा करती हैं।