पंजाब में शिक्षा का नया अध्याय: उद्यमिता माइंडसेट कोर्स को अनिवार्य किया गया

पंजाब की अनोखी पहल
Punjab News: पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने एक अनूठा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने उद्यमिता माइंडसेट कोर्स (EMC) को अनिवार्य कर दिया है। यह कोर्स शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा और राज्य के 20 विश्वविद्यालयों, 320 आईटीआई और 91 पॉलिटेक्निक संस्थानों में इसे शुरू किया जाएगा। प्रारंभ में 1.5 लाख छात्र इस कोर्स में शामिल होंगे, और 2028-29 तक यह संख्या 9 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। यह कदम पंजाब को शिक्षा के एक नए मॉडल के रूप में स्थापित करेगा।
हर सेमेस्टर में वास्तविक व्यवसाय
यह कोर्स केवल थ्योरी तक सीमित नहीं है। हर छात्र को हर सेमेस्टर में एक वास्तविक व्यवसाय शुरू करना होगा और निर्धारित आय लक्ष्य को पूरा करना होगा। पहले सेमेस्टर में 10,000 रुपये, दूसरे में 40,000 रुपये, तीसरे में 80,000 रुपये और चौथे में 1.6 लाख रुपये की कमाई आवश्यक है। पांचवें सेमेस्टर में छात्रों को एआई और वित्त का उपयोग करके 4 लाख रुपये तक कमाने का लक्ष्य दिया गया है। आईटीआई छात्रों के लिए पहले साल 40,000 और दूसरे साल 80,000 रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह मॉडल छात्रों को डिग्री के साथ व्यावसायिक अनुभव प्रदान करेगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म और मेंटरशिप
सरकार ने इस कोर्स की सफलता के लिए मास्टर यूनियन को साझेदार बनाया है। इसके तहत एक एआई-आधारित बहुभाषी प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जो पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध है। इस प्लेटफॉर्म पर छात्रों को योजना बनाने, डैशबोर्ड, मेंटरशिप और सहपाठियों से जुड़ने की सुविधा मिलेगी। छात्र ई-कॉमर्स, फ्रीलांसिंग, कंटेंट निर्माण, रिटेल और पेशेवर सेवाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में से चुनाव कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को अध्ययन के दौरान वास्तविक कारोबारी माहौल का अनुभव कराना है।
विश्वविद्यालयों में उत्साह
इस कोर्स को लेकर छात्रों और शिक्षकों में जबरदस्त उत्साह है। अब तक 40 से अधिक ओरिएंटेशन सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। 20 विश्वविद्यालयों की एकेडमिक काउंसिल ने इसे मंजूरी दी है। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, चितकारा यूनिवर्सिटी, जीएनए यूनिवर्सिटी और डीएवी यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों ने इसे अपनाया है। छात्रों का कहना है कि यह पहली बार है जब उन्हें पढ़ाई के साथ वास्तविक व्यवसाय का अनुभव मिल रहा है, जिससे युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन
इस कोर्स का डिजाइन मई 2025 में बनाई गई कार्य समूह ने तैयार किया। इसमें पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर और आईके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर शामिल थे। इसके अलावा, स्टार्टअप मिशन और इनोवेशन पंजाब के सीईओ तथा मास्टर यूनियन के संस्थापक प्रथम मित्तल भी इसमें शामिल थे। सभी ने मिलकर एक ऐसा ढांचा तैयार किया जिसमें किताबों के साथ वास्तविक व्यवसाय की ट्रेनिंग शामिल है।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
जून 2025 में पंजाब सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को इस कोर्स को लागू करने का निर्देश दिया। प्रारंभ में यह दो क्रेडिट का कोर्स है, लेकिन भविष्य में इसे और विस्तारित किया जाएगा। कई अन्य राज्य भी इसे अपनाने की योजना बना रहे हैं। यह मॉडल नई शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें डिग्री-आधारित शिक्षा से उद्यमिता-आधारित शिक्षा की ओर बढ़ने पर जोर दिया गया है। पंजाब का यह मॉडल भविष्य में देशभर के लिए एक उदाहरण बनेगा।
आर्थिक प्रभाव और दृष्टिकोण
इस योजना का आर्थिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण होगा। अनुमान है कि 2028-29 तक छात्रों के व्यवसाय से 78,600 करोड़ रुपये की आय होगी। यह पंजाब के जीडीपी का 9 प्रतिशत और राज्य के वार्षिक बजट का लगभग आधा हिस्सा होगा। यह केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि युवाओं के भविष्य की सुरक्षा का प्रतीक हैं। केजरीवाल ने कहा कि जब शिक्षा और उद्यमिता एक साथ आती हैं, तो विकास की गति रुकती नहीं है। मान सरकार की यह पहल पंजाब को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी।