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पंजाब में साइबर ठगी का शिकार हुए पूर्व आईएएस अधिकारी की कहानी

पंजाब में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हरजिंदर सिंह चहल ने 76 लाख रुपए की साइबर ठगी का शिकार होने के बाद अपनी आपबीती साझा की है। उन्होंने बताया कि ठगों ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपने जाल में फंसाया। इस घटना के बाद, उन्होंने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। जानें इस मामले में क्या हुआ और कैसे अन्य लोग भी इस तरह के ठगी से बच सकते हैं।
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पंजाब में साइबर ठगी का शिकार हुए पूर्व आईएएस अधिकारी की कहानी

साइबर ठगी का बढ़ता खतरा

अमृतसर- पंजाब में रिटायर्ड सरकारी अधिकारी लगातार साइबर ठगों के शिकार बन रहे हैं। हाल ही में, पूर्व आईजी अमरजीत सिंह चहल ने कथित तौर पर ठगी का शिकार होने के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की। इस घटना के बाद, पूर्व आईएएस अधिकारी हरजिंदर सिंह चहल ने भी अपनी आपबीती साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके साथ लगभग 76 लाख रुपए की साइबर ठगी हुई है।



हरजिंदर सिंह चहल ने पुलिस से अपील की है कि वे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें और उनका पैसा वापस दिलाएं। उन्होंने बताया कि पिछले साल सितंबर में उनके साथ यह ठगी हुई थी, लेकिन अब तक उनका पैसा वापस नहीं आया है।


उन्होंने कहा, "मुझे एक व्हाट्सएप कॉल आई थी। ठगों ने मुझे अपने जाल में फंसाया और इतने सवाल पूछे कि मुझे सोचने का समय ही नहीं मिला। मैं लगातार उनकी मांगों पर पैसे ट्रांसफर करता रहा।" चहल ने आगे कहा कि ठगों ने पैसे की वेरिफिकेशन के बहाने तीन अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए। जब उन्हें शक हुआ कि ठगी हुई है, तो उन्होंने बैंक से संपर्क किया।


उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक मैनेजर ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। अगर बैंक ने तुरंत कदम उठाए होते, तो काफी रकम बचाई जा सकती थी।


हरजिंदर सिंह चहल ने अधिकारियों से गुजारिश की कि वे उनकी मदद करें और दूसरों को भी इस तरह के ठगी से बचाएं। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले पूर्व आईजी अमरजीत सिंह चहल ने खुद को गोली मारी थी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हुए। बाद में, उनके साथ करीब 8 करोड़ रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था। वर्तमान में, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।