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पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की सबसे बड़ी टैक्स डिफॉल्टर, करोड़ों रुपये बकाया

चंडीगढ़ नगर निगम ने खुलासा किया है कि पंजाब यूनिवर्सिटी शहर की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर है, जिस पर 68.85 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके बाद आईटी पार्क और PGIMER का नंबर आता है। नगर निगम ने डिफॉल्टर्स के खिलाफ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले तीन महीनों में रिकॉर्ड वसूली के बावजूद, 100 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स अभी भी विवादित है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और नगर निगम की कार्रवाई के बारे में।
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पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की सबसे बड़ी टैक्स डिफॉल्टर, करोड़ों रुपये बकाया

चंडीगढ़ नगर निगम का बड़ा खुलासा

पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की सबसे बड़ी टैक्स डिफॉल्टर: चंडीगढ़ नगर निगम (MC) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है कि शहर का सबसे बड़ा प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर कोई और नहीं, बल्कि पंजाब यूनिवर्सिटी (Panjab University) है!


जी हां, इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय पर 68.85 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है। इसके बाद आईटी पार्क और PGIMER का नंबर आता है, जिन पर क्रमशः 45 करोड़ और 23.1 करोड़ रुपये का बकाया है।


यह जानकारी काउंसलर महेश इंदर सिंह सिद्धू के सवाल पर नगर निगम द्वारा दी गई, जिसमें शहर के शीर्ष 20 टैक्स डिफॉल्टरों की सूची मांगी गई थी।


अन्य बड़े संस्थान भी डिफॉल्टर

बड़े-बड़े संस्थान निकले डिफॉल्टर


नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, PGIMER ने हाल ही में 11 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, लेकिन बकाया अभी भी करोड़ों में है। अन्य डिफॉल्टरों की सूची भी कम चौंकाने वाली नहीं है:


चीफ इंजीनियर – ₹16.55 करोड़


गोल्फ क्लब – ₹12.2 करोड़


पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) – ₹10.91 करोड़


NITTTR – ₹3.13 करोड़


रेलवे स्टेशन (चंडीगढ़) – ₹2.98 करोड़


डिफेंस एस्टेट्स सेक्टर 9 – ₹1.86 करोड़


PGI (रिहायशी प्रॉपर्टी) – ₹1.58 करोड़


इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1, प्लॉट 179-180 – ₹1.19 करोड़


सेक्टर 26 सब्जी मंडी – ₹1.18 करोड़


होटल जेम्स प्लाजा – ₹1.17 करोड़


होटल ताज – ₹1.15 करोड़


आनंद थियेटर – ₹80.42 लाख


PEC (रिहायशी) – ₹57.90 लाख


गोल्फ रेंज – ₹55.8 लाख


हरियाणा PWP सेक्टर 33-A – ₹54.80 लाख


केंद्रीय विद्यालय सेक्टर 29 – ₹51.85 लाख


CPWD सेक्टर 7-B – ₹40.72 लाख


प्रॉपर्टी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू

प्रॉपर्टी जब्त होगी, जारी हो चुके हैं नोटिस!


नगर निगम अब सक्रिय मोड में आ चुका है। पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1994 की धारा 138 के तहत डिफॉल्टर्स को नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह धारा निगम को यह अधिकार देती है कि यदि निर्धारित समय तक टैक्स नहीं चुकाया गया, तो प्रॉपर्टी जप्त और नीलाम की जा सकती है।


सूत्रों के अनुसार, अब तक 100 से अधिक नोटिस जारी किए जा चुके हैं और 10 करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


रिकॉर्ड वसूली के बावजूद विवादित टैक्स

3 महीने में रिकॉर्ड कलेक्शन, पर 100 करोड़ अभी भी विवादित


नगर निगम ने पिछले तीन महीनों में 76 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड वसूली की है। लेकिन अभी भी कुल 180 करोड़ के टैक्स में से 100 करोड़ से अधिक रकम या तो कोर्ट में है या विवादित है।


निगम अधिकारियों ने बताया कि डिफॉल्टर्स को बकाया चुकाने के लिए एक महीने का समय दिया जा रहा है। इसके बाद उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।