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पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र: बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा

पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा के लिए शुरू हुआ। पहले दिन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ के कारण हुए व्यापक नुकसान का जिक्र किया, जिसमें 56 लोगों की मौत और लाखों लोगों का प्रभावित होना शामिल है। सत्र में विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने की संभावना है। जानें इस सत्र में क्या-क्या चर्चा होगी और बाढ़ के प्रभावों का आकलन कैसे किया जाएगा।
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पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र: बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा

सत्र की शुरुआत दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देकर


चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने मानसून के दौरान आई भीषण बाढ़ के प्रभावों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। यह सत्र आज सुबह 11 बजे शुरू हुआ। पहले दिन, पूर्व मंत्री हरपाल टोहड़ा, कॉमेडियन जसविंदर भल्ला, और संगीत सम्राट चरणजीत आहूजा सहित कई हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। यह सत्र 29 सितंबर तक चलेगा, जिसमें प्रश्नकाल नहीं होगा, लेकिन विधायक शून्यकाल में अपने मुद्दे उठा सकेंगे।


हंगामे की संभावना

सत्र के दौरान बाढ़ के पुनर्वास पर चर्चा की जाएगी, जिसमें विपक्ष सरकार को बाढ़ और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर घेर सकता है। मानसून में 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिससे 2,565 गांव और 3.90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस आपदा में 57 लोगों की जान गई है और 4 लोग लापता हैं। राज्य सरकार ने पंजाब को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है और केंद्र ने 1600 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है।


बाढ़ से हुई तबाही

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस बाढ़ से हुई तबाही का अनुमान लगाना मुश्किल है, क्योंकि पंजाब ने इससे पहले इतना नुकसान नहीं देखा। उन्होंने बताया कि 2,300 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिससे 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 5 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है।


उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण 56 लोगों की जान गई और लगभग 7 लाख लोग बेघर हो गए। इसके अलावा, 3,200 सरकारी स्कूल, 19 कॉलेज, 1,400 क्लीनिक और अस्पताल, 8,500 किलोमीटर सड़कें और 2,500 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुल नुकसान का अनुमान लगभग 13,800 करोड़ रुपये है, लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे अधिक हो सकते हैं।