पंजाब विधानसभा में बाढ़ राहत पर प्रस्ताव पारित, मुआवजे की तारीख तय

पंजाब में बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत
चंडीगढ़- पंजाब में बाढ़ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा और अंतिम दिन था। इस सत्र में बाढ़ राहत और पुनर्वास से संबंधित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जानकारी दी कि राज्य सरकार 15 अक्टूबर से किसानों, पशुपालकों और अन्य प्रभावितों को मुआवजे के चेक वितरित करना शुरू कर देगी। उन्होंने यह भी बताया कि वह सोमवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
“मुआवजा भेड़-बकरी तक मिलेगा”
AAP मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने पीएम मोदी के राहत पैकेज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 1600 करोड़ की घोषणा अपर्याप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस पर सवाल उठाया तो पीएम ने अहंकार से कहा – “हिंदी नहीं आती।” मुंडियां ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार प्रभावितों को फसलों, पशुओं, भेड़-बकरियों और मुर्गियों का भी मुआवजा प्रदान करेगी।
सदन में तीखी बहसें
मंत्री अमन अरोड़ा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में उनके मंत्रियों ने पब्लिक मीटिंग से दूरी बना ली थी, जबकि AAP के मंत्री बाढ़ राहत में सक्रिय रहे। इसी दौरान, डेरा बाबा नानक से AAP विधायक गुरदास रंधावा और कांग्रेस विधायक अरुणा चौधरी सक्के नाले के मुद्दे पर भिड़ गए। अरुणा चौधरी ने विधानसभा की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराने की मांग की।
भाजपा ने इस विशेष सत्र का बहिष्कार किया और सेक्टर-37 में “जनता की विधानसभा” का आयोजन किया। इस पर मंत्री हरभजन ईटीओ ने कहा कि भाजपा बहस से भाग रही है और उन्हें विधानसभा में आकर जनता के मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। वित्त मंत्री चीमा ने भी आरोप लगाया कि भाजपा समानांतर सत्र चलाकर संविधान का मजाक बना रही है।