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पंजाब विधानसभा में मनरेगा पर चर्चा: भाजपा पर आरोप

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मनरेगा को चालू रखने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने दलितों और गरीबों के रोजगार की गारंटी छीन ली है। उन्होंने केंद्र सरकार के नए कानून को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह कमजोर वर्गों के लिए हानिकारक है। जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
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पंजाब विधानसभा में मनरेगा पर चर्चा: भाजपा पर आरोप

मनरेगा को बनाए रखने का प्रस्ताव पास


पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मनरेगा पर चर्चा


चंडीगढ़: मंगलवार को पंजाब विधानसभा में मनरेगा को चालू रखने और केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों के खिलाफ एक प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने मनरेगा को समाप्त कर दलितों और गरीबों के रोजगार की गारंटी छीन ली है।


सीएम ने कहा कि भाजपा को विकसित भारत जी-राम-जी कानून को तुरंत वापस लेना चाहिए और मनरेगा को फिर से लागू करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अकाली दल इस मुद्दे पर चुप है, जबकि आम आदमी पार्टी दलितों और श्रमिकों की आवाज बनेगी।


केंद्र ने मनरेगा की मूल भावना को नष्ट किया


मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन कर दिया है, जिससे इसकी मूल भावना समाप्त हो गई है। नए कानून के तहत गरीबों और महिलाओं से गारंटीड रोजगार का अधिकार छीन लिया गया है।


कमजोर वर्गों को मिलता था लाभ


उन्होंने बताया कि मनरेगा एक मांग-आधारित योजना थी, जबकि नई योजना मानकों पर आधारित है, जो आम जनता के हित में नहीं है। पिछले वित्त वर्ष में पंजाब में मनरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी 60% और अनुसूचित जातियों की 70% रही। नए कानून के लागू होने से इन वर्गों की आर्थिक स्थिति और खराब होगी।