पंजाब सरकार का HDFC बैंक पर प्रतिबंध: सरकारी लेन-देन में बदलाव

सरकार का निर्णय
पंजाब सरकार का HDFC बैंक पर प्रतिबंध: इस निर्णय का प्रभाव हजारों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ा है। अब न तो सरकार की ओर से HDFC बैंक में वेतन भेजा जाएगा और न ही पेंशन की राशि। निजी ठेकेदारों और कंपनियों को भी निर्देश दिया गया है कि यदि उन्हें सरकारी भुगतान प्राप्त करना है, तो उन्हें HDFC में अपना खाता बंद कर किसी अन्य बैंक में नया खाता खोलना होगा।
मामले का विवरण
पंजाब सरकार समय-समय पर यह निर्धारित करती है कि सरकारी लेन-देन किस बैंक के माध्यम से किया जाएगा। इसी संदर्भ में, ट्रेजरी विभाग ने HDFC बैंक को डी-पैनल कर दिया है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव कृष्ण कुमार द्वारा यह आदेश जारी किया गया है, जिसका अर्थ है कि HDFC बैंक अब सरकारी भुगतान से संबंधित किसी भी सेवा में शामिल नहीं होगा।
सरकारी लेन-देन पर रोक
सरकार की इस कार्रवाई के बाद, ट्रेजरी विभाग ने HDFC बैंक के खातों में वेतन, पेंशन और अन्य भुगतान भेजना पूरी तरह से रोक दिया है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब HDFC बैंक के खातों में कोई सरकारी धन ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
नए खाते खोलने के निर्देश
HDFC बैंक में जिन सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के खाते हैं, उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द अपने खाते बंद कर किसी अन्य मान्यता प्राप्त बैंक में नया खाता खुलवाएं। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उनका वेतन और पेंशन आना बंद हो जाएगा। विभागों को भी कहा गया है कि वे अपने कर्मचारियों से नया खाता नंबर, IFSC कोड और अन्य विवरण तुरंत प्राप्त करें और रिकॉर्ड अपडेट करें ताकि वेतन वितरण में कोई रुकावट न आए।
ठेकेदारों पर भी प्रभाव
ट्रेजरी विभाग ने केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों तक सीमित नहीं रहकर सभी ठेकेदारों और कंपनियों को भी निर्देश दिए हैं जो सरकारी परियोजनाओं में कार्यरत हैं। उन्हें भी अपने बैंक खाते HDFC से हटाकर किसी अन्य बैंक में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है, क्योंकि अब HDFC बैंक के माध्यम से सरकार कोई भुगतान नहीं करेगी।
HDFC बैंक को वित्तीय नुकसान
पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों का करोड़ों रुपया HDFC बैंक में जमा रहता था। कई वर्षों से HDFC एक प्रमुख बैंक के रूप में कार्य कर रहा था, लेकिन अब उसे सूची से हटाकर सभी खाते धीरे-धीरे किसी अन्य बैंक में स्थानांतरित किए जा रहे हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इससे न केवल बैंक को बड़ा वित्तीय नुकसान हो रहा है, बल्कि आम लोगों की सुविधा पर भी असर पड़ रहा है।
HDFC बैंक की अपील
ट्रेजरी विभाग की कार्रवाई के बाद, HDFC बैंक के अधिकारी पंजाब सरकार के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से मिले और इस निर्णय को वापस लेने की अपील की। अधिकारियों ने यह भी कहा कि बैंक के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न हो और उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए। इस मुलाकात के बाद उम्मीद थी कि सरकार अपना निर्णय वापस ले लेगी, लेकिन ट्रेजरी विभाग ने फिलहाल बैंक पर कई प्रकार की अघोषित पाबंदियां जारी रखी हैं।
ट्रेजरी विभाग का दृष्टिकोण
पंजाब सरकार के ट्रेजरी विभाग का कहना है कि बैंकों को पैनल में रखना या हटाना पूरी तरह से नीतिगत निर्णय है। राज्य सरकार किसी एक बैंक के साथ बंधी नहीं होती और वह अपने अनुभव, सुविधा और पारदर्शिता के आधार पर यह तय करती है कि किस बैंक को सरकारी लेनदेन के लिए उपयोग किया जाए। इस प्रक्रिया में कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती।
लेन-देन पर रोक
हालांकि ट्रेजरी विभाग अपने निर्णय पर अड़ा हुआ है, लेकिन HDFC बैंक की ओर से बातचीत की कोशिशें जारी हैं। कुछ अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में बातचीत से हल निकलेगा और बैंक को दोबारा पैनल में शामिल किया जा सकेगा। लेकिन जब तक आधिकारिक आदेश नहीं आता, तब तक सभी को यह मानकर चलना होगा कि HDFC बैंक में सरकारी लेन-देन पूरी तरह से बंद हो चुका है।
आम लोगों पर प्रभाव
पंजाब सरकार और HDFC बैंक के बीच चल रहे विवाद का असर अब आम लोगों पर भी दिखने लगा है। हजारों कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और कंपनियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति से बचने के लिए सभी को चाहिए कि वे समय रहते अपनी बैंकिंग व्यवस्था में बदलाव कर लें।