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पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम: अनुसूचित जाति के 4,800 परिवारों को मिली कर्ज माफी

पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय के 4,800 परिवारों को राहत देने के लिए 67.84 करोड़ रुपये की कर्ज माफी की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस योजना के तहत, 4,727 कर्जदारों को लाभ मिलेगा, जिसमें ब्याज और दंड ब्याज भी शामिल है। जानें इस योजना की पात्रता और इसके पीछे का उद्देश्य।
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पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम: अनुसूचित जाति के 4,800 परिवारों को मिली कर्ज माफी

पंजाब में कर्ज माफी का ऐतिहासिक निर्णय

पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एस.सी) समुदाय के हजारों परिवारों को राहत प्रदान करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने 67.84 करोड़ रुपये की कर्ज माफी को मंजूरी दी, जिससे लगभग 4,800 परिवारों को लाभ होगा।


मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) के कर्जदारों के लिए 31 मार्च, 2020 तक दिए गए कर्जों को माफ करने की स्वीकृति दी है। यह माफी एससी समुदाय और दिव्यांग वर्ग के कर्जदारों को आवश्यक राहत प्रदान करेगी। कुल 4,727 कर्जदारों को 67.84 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।


कर्ज माफी में ब्याज और दंड ब्याज शामिल

माफ की गई राशि में ब्याज, दंड ब्याज शामिल


इस योजना के अंतर्गत कुल 4,727 कर्जदारों में 4,685 डिफॉल्ट कर्जदार और 42 नियमित कर्जदार शामिल हैं। इसके लिए 'नो ड्यू सर्टिफिकेट' पी.एस.सी.एफ.सी के जिला प्रबंधकों द्वारा जारी किए जाएंगे। प्रवक्ता ने बताया कि 30 अप्रैल, 2025 तक की गणना के अनुसार, मूल राशि, ब्याज और दंड ब्याज सहित कुल 67.84 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा पी.एस.सी.एफ.सी को लौटाई जाएगी।


पुराने लाभार्थियों के लिए भी योजना खुली

पुराने लाभार्थी भी इस योजना के पात्र


इस योजना के तहत, जिन कर्जदारों ने पहले भी कर्ज माफी का लाभ लिया है, वे भी इस बार के लिए पात्र होंगे। कर्ज माफी के बाद, पी.एस.सी.एफ.सी के नियमों के अनुसार कर्ज लेने वालों के खिलाफ वसूली की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।


कर्ज माफी योजना की पात्रता

कर्ज माफी योजना की पात्रता


कट-ऑफ तिथि तक उनके खातों को पूरी तरह से सेटल माना जाएगा। हालांकि, जिन कर्जदारों ने पी.एस.सी.एफ.सी के खिलाफ अदालती मामले दर्ज किए हैं, वे तब तक पात्र नहीं होंगे जब तक कि वे अपने मामले वापस नहीं ले लेते। 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जाति समुदाय की आबादी पंजाब की कुल आबादी का 31.94 प्रतिशत है।


PSCFSC की ऐतिहासिक भूमिका

PSCFSC की ऐतिहासिक भूमिका


1971 में स्थापित PSCFSC ने अब तक 5.41 लाख से अधिक लोगों को 846.90 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह साबित किया है कि वह केवल वादे नहीं करती, बल्कि उन्हें वास्तविकता में भी लागू करती है। प्रवक्ता ने कहा कि यह योजना केवल कर्ज माफी तक सीमित नहीं है, बल्कि समुदाय के सम्मान को बहाल करने और नई शुरुआत के अवसर प्रदान करती है।