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पंजाब सरकार की नई नीति से औद्योगिक विकास को मिलेगी नई दिशा

पंजाब सरकार ने औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए एक अनोखी नीति की घोषणा की है, जिसमें प्रमाणित पेशेवरों की एक सूची तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है कि यह कदम राज्य को निवेश और उद्योग के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा। नई नीति से न केवल औद्योगिक माहौल में सुधार होगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह नीति पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाएगी। जानें इस नीति के बारे में और कैसे यह पंजाब की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
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पंजाब में औद्योगिक विकास के लिए नई पहल

पंजाब सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में नई दिशा देने के लिए एक अभिनव नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत, राज्य अब प्रमाणित पेशेवरों की एक विशेष सूची तैयार करेगा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का मानना है कि यह कदम पंजाब को निवेश और उद्योग के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा। उनका कहना है कि इस पहल से विकास की गति तेज होगी, युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और औद्योगिक माहौल और अधिक निवेशक-अनुकूल बनेगा।


मुख्यमंत्री ने इस नीति को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इसका उद्देश्य केवल उद्योगों को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नियामक मंजूरी की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना भी है। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, हैंड टूल्स, साइकिल उद्योग, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में पंजाब पहले से ही तेजी से उभर रहा है।


सरकार ने पहले ही "पंजाब राइट टू बिजनेस एक्ट" के तहत कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं, जैसे कि 45 दिनों के भीतर मंजूरी देने की प्रक्रिया और केवल तीन दिनों में प्रारंभिक अनुमोदन। अब नई नीति का मुख्य ध्यान प्रमाणित पेशेवरों के माध्यम से थर्ड-पार्टी ऑथेंटिकेशन की एक पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करना है। इसमें मुख्य रूप से वे लोग शामिल होंगे जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या पर्यावरण विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं, साथ ही योग्य इंजीनियर और प्रोफेसर को भी अवसर मिलेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि ये विशेषज्ञ उद्योगों को स्थापना और संचालन से जुड़ी आवश्यक मंजूरियों, एनओसी और पर्यावरण संबंधी नियमों के अनुपालन में सहायता करेंगे। विशेष रूप से व्हाइट, ग्रीन और ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। यह देश में पहली बार हो रहा है जब पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए औद्योगिक अनुमोदन प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का ऐसा ढांचा लाया गया है।


मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस व्यवस्था से न केवल उद्योगों पर अनुपालन का बोझ कम होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ हवा-पानी और टिकाऊ विकास की गारंटी भी बनेगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पंजाब की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने उद्योग जगत, पेशेवरों और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एकजुट होकर इस दिशा में काम करने की अपील की। मान का कहना है कि जब से प्रमाणित पेशेवरों को उद्योग संबंधी प्रस्तावों की मंजूरी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, तब से सरकारी कार्यप्रणाली और अधिक पारदर्शी हो गई है। उनकी मान्यता में यह नीति राज्य के लिए "गेम चेंजर" साबित होगी।