पंजाब सरकार की बाढ़ प्रबंधन तैयारियां: जल संसाधन मंत्री की बैठक

सरकार की तैयारियों का जायजा
जल संसाधन मंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों से लिया तैयारियों का जायजा
चंडीगढ़ : मानसून के मौसम में हो रही बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं पर पंजाब सरकार की नजर बनी हुई है। यह ध्यान देने योग्य है कि पंजाब की अधिकांश नदियाँ और नहरें हिमाचल प्रदेश से आती हैं। हिमाचल में लगातार बारिश और बादल फटने से सभी डैम का जल स्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है।
इस संदर्भ में, जल संसाधन मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए ठोस प्रबंध किए हैं।
बाढ़ नियंत्रण उपायों की समीक्षा
बैठक के दौरान, कैबिनेट मंत्री ने राज्य में बाढ़ नियंत्रण उपायों की स्थिति की समीक्षा की और जल संसाधन विभाग की तैयारियों का जायजा लिया। उन्हें बताया गया कि सरकार ने बाढ़ प्रबंधन पहलों के लिए लगभग 230 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इसके अलावा, एसडीएमएफ, मनरेगा और विभागीय कर्मचारियों द्वारा कुल 599 परियोजनाएँ पूरी की गई हैं, जिसमें 4766 किलोमीटर लंबी नदियों और चोओं की सफाई और नदियों के बांधों को मजबूत करने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी
अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि 1044 चैक डैम और 3957 सोक पिट भी बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, 53,400 बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं और 294 किलोमीटर क्षेत्र में वैटीवर घास भी लगाई जा रही है।
मंत्री को सूचित किया गया कि विभाग ने 7.79 लाख सैंड बैग खरीदे हैं, जिनमें से लगभग 4 लाख पहले ही भरे जा चुके हैं। ये बैग सभी जिलों में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए रखे गए हैं। इसके अलावा, पहली बार जम्बो बैग भी खरीदे गए हैं, जो बाढ़ जैसी स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करेंगे।