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पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष विधानसभा सत्र का आयोजन किया

पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 26 से 29 सितंबर, 2025 तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ से हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि 2,300 गांव जलमग्न हो गए और 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। इस सत्र में बाढ़ प्रभावितों के मुआवज़े से संबंधित नए कानून पेश किए जाएंगे। जानें इस विशेष सत्र में और क्या निर्णय लिए जाएंगे।
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पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष विधानसभा सत्र का आयोजन किया

पंजाब में बाढ़ राहत के लिए विशेष सत्र

चंडीगढ़- मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 26 से 29 सितंबर, 2025 तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है।


मुख्यमंत्री ने आज एक बयान में कहा कि यह विशेष सत्र हाल की बाढ़ से हुए नुकसान के संबंध में जनहित में कई संशोधनों पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावितों के मुआवज़े से संबंधित नए कानून भी इस सत्र में पेश किए जाएंगे और उन्हें मंजूरी दी जाएगी।


भगवंत सिंह मान ने बाढ़ से हुई व्यापक तबाही का उल्लेख करते हुए कहा कि 2,300 से अधिक गांव जलमग्न हो गए, 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए और पांच लाख एकड़ में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं।


उन्होंने इस आपदा में 56 लोगों की मृत्यु और लगभग सात लाख लोगों के बेघर होने पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3,200 सरकारी स्कूलों को नुकसान पहुंचा, 19 कॉलेज मलबे में तब्दील हो गए, 1,400 क्लीनिक और अस्पताल खंडहर बन गए, 8,500 किलोमीटर सड़कें बर्बाद हो गईं और 2,500 पुल ढह गए। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार कुल नुकसान लगभग 13,800 करोड़ रुपये है, जबकि वास्तविक आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है।


मुख्यमंत्री ने इस विशेष सत्र के दौरान लिए जाने वाले निर्णयों से बाढ़ प्रभावित नागरिकों को महत्वपूर्ण राहत मिलने की उम्मीद जताई। उन्होंने इस संकट के समय में पंजाब के लोगों, विशेषकर बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है।