पंजाब सरकार पर परगट सिंह का हमला: मनरेगा में रोजगार की कमी और केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल
पंजाब सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए परगट सिंह
-स्पेशल सेशन में परगट ने कहा, पंजाब सरकार ने मनरेगा में 26 दिन का रोजगार दिया, हरियाणा से कम देहाड़ी
-चार साहिबजादों की शहादत की भावना को कमजोर न होने दें, पंजाब सरकार को सुधार लाना चाहिए
चंडीगढ़: पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक परगट सिंह ने मनरेगा पर आयोजित स्पेशल सेशन में पंजाब सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केवल निंदा प्रस्ताव लाना पर्याप्त नहीं है। आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली जाकर केंद्र सरकार को घेरने की आवश्यकता है, ताकि पंजाब को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने स्पेशल सेशन के बजाय नियमित सेशन बुलाने की मांग की।
परगट सिंह ने बताया कि 12 करोड़ मजदूरों के लिए मनरेगा योजना कांग्रेस की देन है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सभी गरीब वर्गों को इसका लाभ दिलाने का प्रयास किया था। पहले यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा समर्थित थी, लेकिन अब भाजपा सरकार ने इसे 60-40 के अनुपात में बांट दिया है। इससे राज्य सरकारों पर 30 से 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
कुछ राज्य सरकारें इस 100 दिन की गारंटी वाली योजना को केवल 70 दिन ही पूरा कर पा रही हैं। वहीं, पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने चार साल में 38 दिन और इस साल दिसंबर तक 26 दिन का रोजगार ही उपलब्ध कराया है।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान 7 करोड़ लोग शहरों से गांवों लौट गए और अब उन्हें वापस नहीं लाया जा सका। इससे कॉर्पोरेट घरानों को श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार अब केवल कॉर्पोरेट क्षेत्र को खुश करने के लिए मनरेगा को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। पंजाब में मनरेगा मजदूरों को भी कम देहाड़ी मिल रही है। पंजाब में मजदूरों को 346 रुपये मिल रहे हैं, जबकि हरियाणा में यह 400 रुपये है।
पद्मश्री परगट सिंह ने कहा कि आप सरकार केवल स्पेशल सेशन बुलाकर एक दिन का सत्र आयोजित कर रही है, जो गलत है। पहले सरकार ने कहा था कि खुला समय दिया जाएगा, लेकिन स्पीकर ऐसा नहीं करते। केवल एक या दो लोगों को बोलने का समय दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि आनंदपुर साहिब विधानसभा सत्र में मैंने बताया था कि केंद्र सरकार संसद में 5 बिल लाने जा रही है, जिसमें एजुकेशन बिल भी शामिल है। लेकिन आप सरकार ने इसका विरोध नहीं किया। बीबीएमबी के मामले में भी आप सरकार का रवैया ढीला रहा। केवल प्रस्ताव पारित करने और फोटो खींचने से काम नहीं चलता। हमें इस मामले में कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाना चाहिए था।
परगट सिंह ने मुख्यमंत्री मान से कहा कि उन्हें दिल्ली जाकर अपनी बात रखने और विरोध करने की आवश्यकता है। सभी विधायकों को दिल्ली ले जाकर सभी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन प्राप्त करना चाहिए। सरकार को पंजाब के हितों की रक्षा करनी चाहिए। हमें चार साहिबजादों की शहादत की भावना को खत्म नहीं होने देना चाहिए। आप को भाजपा की बी टीम बनकर नहीं, बल्कि पंजाब के हितों के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आप ने समाज को विभिन्न जातियों में बांट दिया है। हमारे नेता भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। केवल अपनी पीठ थपथपाने के बजाय, हमें बीते समय से सीखने और समाज को संभालने की आवश्यकता है। समय कम रह गया है, और सिस्टम को सही दिशा में चलाना चाहिए। हमारे गुरुओं के बाद, महाराज रणजीत सिंह ने पंजाब की भावना को संभाला था, जो अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
