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पंजाब सरकार परगट सिंह का आरोप: कानून व्यवस्था बिगड़ रही है

पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रही है और आम लोगों की सुरक्षा को लेकर बेपरवाह है। मनरेगा के खत्म होने के निर्णय को लेकर भी उन्होंने कड़ी निंदा की है। परगट सिंह ने सरकार से मांग की है कि वह एक विशेष सत्र के बजाय पूरा शीतकालीन सत्र बुलाए, ताकि पंजाब के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
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पंजाब सरकार परगट सिंह का आरोप: कानून व्यवस्था बिगड़ रही है

पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता

-परगट सिंह का आरोप: पंजाब सरकार राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रही है


-हर दिन हो रही गोलीबारी, आम लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार बेपरवाह


चंडीगढ़: पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक परगट सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को समाप्त करने का निर्णय गरीबों, दलितों, महिलाओं, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने इस कदम की कड़ी निंदा की और कहा कि नए कानून के तहत राज्यों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है, जिससे मनरेगा की मूल भावना समाप्त हो गई है। कांग्रेस और अन्य दलों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर विरोध करना चाहिए।


परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा 30 दिसंबर को बुलाए गए विशेष सत्र का स्वागत किया और कहा कि मनरेगा पर ठोस प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को केवल एक दिन का सत्र आयोजित करने के बजाय पूरा शीतकालीन सत्र बुलाना चाहिए, ताकि पंजाब के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जा सके।


केंद्र सरकार पहले पंजाब के खिलाफ पांच प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी, जिसे अब बढ़ाकर सात कर दिया गया है। ये सभी प्रस्ताव पंजाब के हितों के खिलाफ हैं और इन पर भी सत्र में चर्चा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री भगवंत मान को विधायकों के अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि तुरंत पूरा सत्र बुलाया जाए।


उन्होंने कहा कि सत्र में पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भी चर्चा होनी चाहिए। वर्तमान में कानून व्यवस्था इतनी खराब हो गई है कि पंजाब सरकार राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर धकेल रही है। आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों की सुरक्षा और पंजाब की शांति को बनाए रखने में असफल साबित हो रही है।


जालंधर में कॉलेज की प्रधानगी को लेकर पेट्रोल पंप के पास गोलीबारी होती है, शाहकोट में एक युवक को गर्दन में गोली मारकर हत्या कर दी जाती है, और लुधियाना में एक मां-बेटी पर घर में घुसकर गोलियां चलाई जाती हैं, जिसमें मां की मौत की सूचना है। पंजाब अब पुलिस राज्य बन चुका है, जो लोगों के डर को बढ़ा रहा है।


अंत में, परगट सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनरेगा को समाप्त करने की योजना पहले से ही बना रहे थे। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पहले ही 10 प्रतिशत हिस्सेदारी देने में असफल रही है, तो वह 40 प्रतिशत का बोझ कैसे उठाएगी। मनरेगा एक मांग-आधारित अधिकार था, जिसमें हर व्यक्ति को 100 दिन का काम मांगने का अधिकार था और काम न मिलने पर मुआवज़े का प्रावधान था। इस निर्णय से महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होंगी, क्योंकि मनरेगा के तहत लगभग 50 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को मिला था।