पंजाबियों की रशियन आर्मी में जबरन भर्ती पर कांग्रेस का हमला

कांग्रेस ने उठाया गंभीर मुद्दा
चंडीगढ़- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने वीरवार को पंजाब कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में रशियन आर्मी में पंजाबियों की जबरन भर्ती के गंभीर मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी के बावजूद, रशिया की सरकार पिछले डेढ़ साल से भारतीय युवकों, विशेषकर पंजाबी और हरियाणवी युवाओं को बिना उचित प्रशिक्षण के रशिया-यूक्रेन युद्ध में भेज रही है।
मिसिंग युवकों की स्थिति
पद्मश्री परगट सिंह ने पंजाब के लापता युवकों के परिवारों के हवाले से जानकारी दी कि केंद्र सरकार और भारतीय दूतावास के दावों के विपरीत, रशियन आर्मी में भर्ती का सिलसिला जारी है। इस साल जुलाई में 15 पंजाबी युवक रशिया पहुंचे और अगस्त में उन्हें आर्मी में भर्ती किया गया। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है, 3 लापता हैं और 7 को जबरन भर्ती किया गया है।
सरकारों की निष्क्रियता पर सवाल
उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 126 युवक रशियन आर्मी में भर्ती किए गए हैं। इनमें से 15 लापता युवकों का कोई पता नहीं चल पाया है, जबकि केवल एक युवक की लाश मिली है। परगट सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को तुरंत रशियन सरकार से संपर्क कर सख्त कदम उठाने चाहिए।
एजेंटों की भूमिका
एजेंटों का नेटवर्क:
भारतीय और रशियन एजेंट युवकों को फंसाने में सक्रिय हैं। ये एजेंट न केवल भर्ती के बाद मिलने वाली सैलरी और बीमा के पैसे भी परिवारों तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं, बल्कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। परगट सिंह ने सवाल उठाया कि क्या पंजाब सरकार ने धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की है?
परिवारों की पीड़ा
जगदीप का संघर्ष:
गोराया (जालंधर) के निवासी जगदीप सिंह ने बताया कि वह अपने लापता भाई मनदीप की तलाश में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय दूतावास उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। विधायक परगट सिंह ने उनकी आर्थिक मदद की, जिससे वह रशिया जाकर दस्तावेज जुटा सके।
परमिंदर कौर का दर्द:
अमृतसर निवासी तेजपाल की पत्नी परमिंदर कौर ने बताया कि उनके पति को जबरन आर्मी में भर्ती किया गया था और उनकी लाश अब तक नहीं मिली है। उन्होंने खुद अपने पैसे खर्च कर रशिया जाकर पति की लाश की तलाश की।
सरबजीत सिंह की कहानी:
अमृतसर के सरबजीत सिंह ने बताया कि उन्हें कोरियर कंपनी में काम दिलाने का झांसा देकर रशिया भेजा गया, लेकिन वहां उन्हें जबरन आर्मी में भर्ती कर लिया गया।