Newzfatafatlogo

पंजोखरा में तेंदुए की sightings से ग्रामीणों में दहशत

पंजोखरा में तेंदुए की sightings ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। वन्य प्राणी विभाग ने खोज अभियान चलाया, लेकिन कोई जानवर नहीं मिला। क्षेत्र में तेंदुओं की बढ़ती संख्या और जंगलों के सिकुड़ने के कारण लोग चिंतित हैं। क्या तेंदुए शहरों की ओर बढ़ रहे हैं? जानें इस लेख में।
 | 
पंजोखरा में तेंदुए की sightings से ग्रामीणों में दहशत

पंजोखरा में तेंदुए की सूचना से हड़कंप

अंबाला (Panjokhra Leopard Sighting)। पंजोखरा में तेंदुए की उपस्थिति की खबर से इलाके में हलचल मच गई। इसके बाद, वन्य प्राणी विभाग की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर खोज अभियान शुरू किया। हालांकि, इस दौरान टीम को तेंदुए या किसी अन्य जानवर का कोई निशान नहीं मिला।


कर्ण ने देखी तेंदुआ जैसी प्रजाति

पंजोखरा के निवासी कर्ण ने शाम साढ़े पांच बजे अपने खेतों में पानी देते समय तेंदुआ जैसा जानवर देखा। उनके पास पंजोखरा तोपखाना रोड पर एक गोशाला भी है। इसके बाद, उन्होंने पुलिस और वन्य प्राणी विभाग को सूचित किया।


सर्च अभियान में कोई सफलता नहीं

Panjokhra Leopard Sighting: तेंदुआ जैसा जानवर देखा

वन्य प्राणी विभाग की टीम ने कर्ण के साथ खेत और आसपास के क्षेत्रों में खोज की, लेकिन कोई जानवर नहीं मिला। वंदे मातरम दल के संस्थापक भरत ने बताया कि विभाग ने खोज अभियान चलाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। शनिवार को भी जानवर की तलाश जारी रहेगी।


ग्रामीणों की चिंताएं

इस क्षेत्र में पहले भी तीन से चार बार ग्रामीणों ने तेंदुए की sightings की सूचना दी है, लेकिन विभाग ने हर बार खोज अभियान चलाने के बावजूद कोई सफलता नहीं पाई। हालांकि, वन्य प्राणी विभाग ने शुरू से ही तेंदुए की उपस्थिति से इनकार किया है।


शहरों में तेंदुओं की बढ़ती संख्या

शहरों में तेंदुआ

हरियाणा के कई शहर अब तेंदुओं के लिए सुरक्षित स्थान बनते जा रहे हैं। अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत जैसे क्षेत्रों में तेंदुए अक्सर देखे जा रहे हैं। रात में गलियों में और दिन में खेतों में तेंदुओं की उपस्थिति से लोग चिंतित हैं। वन विभाग की टीमें खोज कर रही हैं, लेकिन सवाल यह है कि तेंदुए जंगल छोड़कर शहरों में क्यों आ रहे हैं?


जंगलों का सिकुड़ना

जंगल सिकुड़ रहे, तेंदुआ भटक रहा

इसका मुख्य कारण जंगलों का घटता हुआ क्षेत्र है। विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं, जिससे तेंदुओं का निवास स्थान नष्ट हो रहा है। भोजन की कमी के कारण, जैसे हिरण और खरगोश, तेंदुए अब शहरों की ओर बढ़ रहे हैं। कुत्ते, बकरियां और कचरा उनके लिए आसान शिकार बन गए हैं। मानव अतिक्रमण ने जंगल और शहर के बीच की सीमाएं मिटा दी हैं।


लोगों की सुरक्षा के उपाय

विभाग अलर्ट, क्या करें?

लोग रात में बाहर निकलने से डर रहे हैं और बच्चे अकेले नहीं खेलते। वन विभाग कैमरा ट्रैप लगा रहा है, लेकिन तेंदुओं को पकड़ना मुश्किल हो रहा है। सलाह दी गई है कि लोग कचरा बाहर न छोड़ें, पालतू जानवरों को सुरक्षित रखें और रात में शोर करें।