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पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल: एटीएफ की बिक्री में 134% की वृद्धि

पटना का जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब नए टर्मिनल के साथ भव्य स्वरूप में तैयार है। एटीएफ पर वैट में कटौती के चलते इसकी बिक्री में 134% की वृद्धि हुई है। नए टर्मिनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया, जो सालाना एक करोड़ यात्रियों की क्षमता रखता है। जानें इस विकास के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव।
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पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल: एटीएफ की बिक्री में 134% की वृद्धि

पटना एयरपोर्ट का नया स्वरूप

पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब एक नए और भव्य रूप में तैयार हो चुका है। पहले, जब यहां का पुराना टर्मिनल भवन कार्यरत था, तब प्रतिदिन लगभग 80 हवाई जहाजों की उड़ानें दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों के लिए होती थीं। नए टर्मिनल के उद्घाटन के बाद, अब रोजाना उड़ान भरने वाले हवाई जहाजों की संख्या 100 से अधिक हो गई है।


एटीएफ पर वैट में कटौती

राज्य सरकार ने विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष जून में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। राज्य कैबिनेट ने एटीएफ (एयर टर्बाइन फ्यूल) पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) की दर को 29 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। इस निर्णय का प्रभाव तेजी से देखने को मिला है, और पिछले वर्ष की तुलना में एटीएफ की बिक्री में 134 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


एटीएफ की बिक्री में ऐतिहासिक वृद्धि

वाणिज्य कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जब एटीएफ पर वैट की दर 29 प्रतिशत थी, तब मई 2024 में पटना एयरपोर्ट से विमानन कंपनियों ने 2318.20 किलोलीटर एटीएफ खरीदा था। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मई में बिक्री में केवल 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो 3337.98 किलोलीटर तक पहुंची। लेकिन जब वैट की दर 4 प्रतिशत की गई, तो जून 2024 में एटीएफ की बिक्री 2526.41 किलोलीटर हुई, जो अब 5920.38 किलोलीटर तक पहुंच गई है।


नए टर्मिनल का उद्घाटन

पटना का नया अत्याधुनिक टर्मिनल भवन 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन किया गया। इस टर्मिनल का विकास 1,200 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और यह 65,150 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, जिसमें सालाना एक करोड़ यात्रियों की क्षमता है। नए टर्मिनल के साथ, हवाई जहाजों के परिचालन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है, जिसमें एटीएफ की दर में कटौती एक महत्वपूर्ण कारक होगी।