पटना में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या: 28 गोलियों से हुआ हमला

चंदन मिश्रा हत्याकांड में नए खुलासे
बिहार की राजधानी पटना में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पारस अस्पताल में हुई इस घटना में चंदन को 28 गोलियां मारी गई थीं। इस वारदात को पांच शूटरों ने मिलकर अंजाम दिया। पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार मुख्य शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह ने बताया कि हर शूटर को इस काम के लिए 5-5 लाख रुपये मिलने थे, लेकिन गिरफ्तारी से पहले किसी को भी पैसे नहीं मिले।
तौसीफ का कर्ज और हत्या की योजना
पूछताछ में यह भी पता चला कि तौसीफ पर लगभग 20 लाख रुपये का कर्ज था, जो उसने ऑनलाइन जुए में हारकर लिया था। जब उधार देने वाले लगातार पैसे मांगने लगे, तो कर्ज के दबाव में आकर तौसीफ ने हत्या की योजना बनाई और इसे अंजाम दिया।
हमला कब और कैसे हुआ
यह हमला 17 जुलाई की सुबह पारस अस्पताल में हुआ था। उस समय चंदन मिश्रा नशे की हालत में थे। तौसीफ, बलवंत, रविरंजन, नीलेश और मोनू ने मिलकर ताबड़तोड़ 28 गोलियां चलाईं। इस हमले के लिए दो चोरी की बाइकों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से एक अपाचे बाइक पुलिस ने बरामद कर ली है, जबकि दूसरी बाइक की तलाश जारी है।
अस्पताल में घुसने का तरीका
पुलिस पूछताछ में तौसीफ ने बताया कि वह अस्पताल के एक कर्मचारी को यह कहकर अंदर गया कि उसके चाचा, यानी चंदन मिश्रा, भर्ती हैं। कर्मचारी ने बिना जांच के उसे अंदर जाने दिया और कमरे की जानकारी भी दे दी। वारदात के बाद सभी आरोपी फरार हो गए।
तौसीफ की गिरफ्तारी के बाद की स्थिति
वारदात के बाद तौसीफ कोलकाता के एक गेस्ट हाउस में छिपा था। उसने खुद की तस्वीरें टीवी पर देखीं और पहचान से बचने के लिए अपना लुक बदल लिया। उसने दाढ़ी और बाल कटवा लिए ताकि कोई उसे पहचान न सके। पुलिस ने तौसीफ की बहन के गया स्थित घर से तीन मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किए हैं, जो घटना में इस्तेमाल हुए थे। फरार शूटरों की तलाश जारी है और पुलिस तौसीफ से मिली जानकारी के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है।