पटना में डेंगू का प्रकोप: स्वास्थ्य विभाग की चुनौती बढ़ी

पटना में डेंगू का बढ़ता खतरा
बिहार की राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 48 घंटों में 28 नए मामले सामने आए हैं, जिससे अगस्त के पहले 20 दिनों में कुल मामलों की संख्या 86 तक पहुँच गई है। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है, क्योंकि जनवरी से अब तक पटना में 150 से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।जलभराव वाले क्षेत्रों में डेंगू का संक्रमण सबसे अधिक फैल रहा है। सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, कंकड़बाग, पोस्टल पार्क, योगीपुर, जक्कनपुर, जगनपुरा, पटना सिटी, बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, दीघा, गोला रोड, रूपसपुर, फुलवारीशरीफ और दानापुर जैसे इलाके हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किए गए हैं। पिछले वर्ष भी इन क्षेत्रों में डेंगू के मामलों की संख्या अधिक थी।
सरकारी और निजी अस्पतालों में डेंगू और इसके लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH), इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) पटना सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में, IGIMS में चार मरीज भर्ती हैं, जबकि पारस, मेदांता, रुबन और मेडीवर्सल जैसे निजी अस्पतालों में भी कई मरीजों की जांच की जा रही है।
पटना नगर निगम (PMC) ने फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे अभियान को तेज कर दिया है। नागरिकों से अपील की गई है कि यदि उनके क्षेत्र में स्प्रे नहीं किया गया है तो हेल्पलाइन नंबर 155304 पर शिकायत करें। PMC ने निवासियों से आग्रह किया है कि वे बर्तनों, कूलरों, एसी ट्रे या अन्य कंटेनरों में पानी जमा न होने दें और स्प्रे ड्राइव के दौरान कार्यकर्ताओं के साथ सहयोग करें।
वरिष्ठ डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि मानसून की बारिश और जलभराव के कारण स्थिति और बिगड़ सकती है।