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पटियाला कोर्ट में यूट्यूबर अरमान मलिक के खिलाफ याचिका दायर

हरियाणा के प्रसिद्ध यूट्यूबर अरमान मलिक और उनकी पत्नियों के खिलाफ पटियाला की अदालत में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में उन पर भारतीय विवाह कानून का उल्लंघन करने और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। एडवोकेट दविंदर राजपूत ने इस मामले में डीजीपी और एसएसपी को भी शिकायत भेजी है। हिंदू संगठनों में इस मुद्दे को लेकर रोष है, और वकील ने मांग की है कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को स्थायी रूप से बंद किया जाए।
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पटियाला कोर्ट में यूट्यूबर अरमान मलिक के खिलाफ याचिका दायर

भारतीय विवाह कानून का उल्लंघन


YouTuber अरमान मलिक के खिलाफ पटियाला की अदालत में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका एडवोकेट दविंदर राजपूत द्वारा प्रस्तुत की गई है, जिसमें अरमान और उनकी पत्नियों पर भारतीय विवाह कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि यह मामला संविधान और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।


धार्मिक भावनाओं को ठेस

एडवोकेट ने यह भी आरोप लगाया है कि अरमान और उनकी पत्नी पायल ने एक वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं के पवित्र चरित्र का अपमान किया है, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इस पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं, पायल मलिक की तबीयत शुक्रवार को डिप्रेशन के कारण बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें मोहाली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब उनकी स्थिति स्थिर है।


डीजीपी को भेजी गई शिकायत

वकील दविंदर राजपूत ने कहा कि अरमान और पायल ने हिंदू देवी-देवताओं का स्वरूप धारण किया, जिसके सबूत उनके पास हैं। उन्होंने इस मामले में अदालत में ही नहीं, बल्कि पहले डीजीपी को भी शिकायत भेजी है। इसके अलावा, एसएसपी पटियाला को भी शिकायत दी गई है।


हिंदू संगठनों का विरोध

वकील ने बताया कि अरमान और पायल के कार्यों से पंजाब के सभी हिंदू संगठनों में रोष है। कई संगठनों ने भी इस मामले में शिकायतें दर्ज कराई हैं। उन्होंने कहा कि माफी देना हिंदू धर्म की महानता है, लेकिन कानून का पालन करना आवश्यक है।


समाज को कलंकित करने का आरोप

दविंदर राजपूत ने कहा कि अरमान मलिक ने सोशल मीडिया पर दो पत्नियों का प्रदर्शन किया है, जो हिंदू विवाह अधिनियम के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरमान की तीसरी पत्नी भी है, जिससे समाज को कलंकित किया जा रहा है। इसलिए धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ याचिका दायर की जा रही है।


सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद करने की मांग

वकील ने मांग की है कि इन सभी व्यक्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को स्थायी रूप से बंद किया जाए और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।