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परगट सिंह ने पंजाब सरकार से बीबीएमबी और आईएमडी के खिलाफ एफआईआर की मांग की

पंजाब के विधायक परगट सिंह ने विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बीबीएमबी और आईएमडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने सरकार से बाढ़ राहत राशि और संशोधित बिलों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। परगट सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री का घेराव करने की सलाह दी और कहा कि सत्ताधारी पार्टी ने जनता का विश्वास खो दिया है। उनका कहना है कि बीबीएमबी और मौसम विभाग की गलतियों के कारण पंजाब को भारी नुकसान हुआ है।
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परगट सिंह ने पंजाब सरकार से बीबीएमबी और आईएमडी के खिलाफ एफआईआर की मांग की

परगट सिंह का बयान

-परगट सिंह ने सुझाव दिया कि बीज और राइट टू बिजनैस संशोधन बिल में पर्यावरण और श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।


-उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री का घेराव करने की सलाह दी।


-सत्ताधारी पार्टी द्वारा विधानसभा से वॉकआउट करने पर उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार चलाने का कोई अधिकार नहीं है, और आम आदमी पार्टी ने जनता का विश्वास खो दिया है।


चंडीगढ़: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पदमश्री परगट सिंह ने पंजाब विधानसभा सत्र के अंतिम दिन भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन दोनों एजेंसियों के खिलाफ जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।


उन्होंने विधानसभा में पारित संशोधित बिलों की कमियों को भी उजागर किया और सरकार से इन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। बीज और राइट टू बिजनैस संशोधन बिल में पर्यावरण और श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए, और आम लोगों तथा किसानों पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।


परगट सिंह ने कहा कि बीबीएमबी की मनमानी और मौसम विभाग की गलत भविष्यवाणियों ने पंजाब को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी ने गलत निर्णय लिए और मौसम विभाग की भविष्यवाणियों में 500 से 1900 प्रतिशत तक का अंतर आया। इसलिए इन दोनों एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच कराना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश ने पहले ही बीबीएमबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है।


उन्होंने कहा कि यदि बीबीएमबी ने पानी नहीं देना है, तो हमें उनके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। पंजाब के लिए डैम सेफ्टी एक्ट लाने में कौन रोक रहा है? आरोप-प्रत्यारोप से बात नहीं बनेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को सकारात्मक राजनीति करने की सलाह दी और दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री का घेराव करने की बात कही।


परगट सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की कथनी और करनी में अंतर है। विधानसभा में वॉकआउट करने वाली सत्ताधारी पार्टी को सरकार चलाने का कोई अधिकार नहीं है। इससे स्पष्ट है कि वह जनता का विश्वास खो चुकी है।


उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव के लिए 7200 करोड़ रुपये जारी किए गए, जबकि बाढ़ से प्रभावित पंजाब के लिए केवल 1600 करोड़ रुपये की राहत राशि घोषित की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि बाढ़ राहत के 1600 करोड़ रुपये पर भी केंद्र सरकार राजनीति कर रही है।


सत्र में संशोधित बिलों पर परगट सिंह ने कहा कि पंजाब राइट टू बिजनैस बिल के सेक्शन 12 में कुछ अन्य कानूनों को पास करने की बात कही गई है। क्या इस विधानसभा के पास केंद्र के इन एक्ट को संशोधित करने की शक्ति है? बिल्कुल नहीं। इसलिए इन एक्ट को सोच-समझकर पास किया जाना चाहिए।


बीज एक्ट पर उन्होंने कहा कि सजाएं सख्त करना ठीक है, लेकिन हमारे पास मैकेनिज्म भी होना चाहिए। पहले पीएयू की रिसर्च से पैदावार बढ़ रही थी, लेकिन अब उनके पास न तो स्टाफ है और न ही पूरी रिसर्च हो रही है। सरकार ने पानी प्रदूषण के लिए रखी गई सख्त सजाओं को खत्म कर जुर्माने में बदल दिया है, जिस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।


सोसायटी बिल पर उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव सोसायटियों की कैपिंग फीस उसी के अनुसार होनी चाहिए। कमजोर सोसायतियों के लिए कैपिंग फीस का ढांचा अलग होना चाहिए।


प्रॉपर्टी अपार्टमेंट रेगुलेशन पर उन्होंने कहा कि 35 प्रतिशत की गारंटी छोटे डेवलपर्स पर भारी पड़ेगी। हमें सभी प्राधिकरणों को समयबद्ध करना चाहिए।