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पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा की नई रणनीति: स्थानीय मुद्दों पर जोर

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सामिक भट्टाचार्य को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी अब स्थानीय मुद्दों और चेहरों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है। ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी रणनीति में बदलाव के तहत, भाजपा ने अपने राष्ट्रीय नेताओं के होर्डिंग्स हटाकर स्थानीय पहचान को प्राथमिकता दी है। सामिक भट्टाचार्य ने मां काली का नारा लगाकर सांस्कृतिक पहचान को भी राजनीति में शामिल किया है। जानें भाजपा की नई रणनीति के बारे में और क्या बदलाव आ रहे हैं।
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पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा की नई रणनीति: स्थानीय मुद्दों पर जोर

भाजपा की नई दिशा

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब केवल 10 महीने का समय बचा है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद, सभी की नजरें बंगाल और उसके साथ चार अन्य राज्यों के चुनाव पर होंगी। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है। सामिक भट्टाचार्य को सुकांत मजूमदार की जगह प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे भाजपा और संघ के पुराने नेता हैं और एक समय बंगाल विधानसभा में भाजपा के एकमात्र विधायक रहे हैं। उनके अध्यक्ष बनने के बाद, पार्टी के पुराने नेता पार्टी मुख्यालय में सक्रिय हो गए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, जो कई महीनों से नाराज थे, ने उनसे मुलाकात की और एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, सामिक भट्टाचार्य ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी रणनीति में बदलाव करने की योजना बना रहे हैं।


स्थानीय मुद्दों पर ध्यान

वे चुनाव को स्थानीय मुद्दों और चेहरों पर केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं। इसका पहला संकेत मुरलीधर सेन लेन में भाजपा के प्रदेश कार्यालय के बाहर से राष्ट्रीय नेताओं के बड़े होर्डिंग्स हटाने से मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तस्वीरें हटा दी गई हैं। कार्यालय के अंदर भी मीडिया ब्रीफिंग के लिए बड़े हॉल में लगी तस्वीरें हटा दी गई हैं। अब वहां भाजपा का चुनाव चिन्ह, कमल का फूल, प्रमुखता से दिख रहा है। यह बदलाव भाजपा की एक योजना का हिस्सा माना जा रहा है। पिछले दो चुनावों में ममता बनर्जी ने बाहरी और भीतरी मुद्दों को प्रमुखता दी है, जिससे भाजपा को नुकसान हुआ है।


सांस्कृतिक पहचान का महत्व

एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि नए प्रदेश अध्यक्ष सामिक भट्टाचार्य ने अपने पहले कार्यक्रम में मां काली की तस्वीर लगाकर दीप जलाए। उन्होंने ममता बनर्जी की तरह 'जय मां काली' का नारा लगाया, जो भाजपा के 'जय श्रीराम' के नारे का जवाब है। ममता बनर्जी ने बांग्ला पहचान को मां काली और मां दुर्गा के साथ जोड़कर अपनी राजनीति को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। दूसरी ओर, भाजपा का ध्यान 'जय श्रीराम' पर केंद्रित रहा है। सामिक भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी की रणनीति का जवाब देने की योजना बनाई है। इस बीच, ममता बनर्जी ने 'जय जगन्नाथ' का नारा भी उठाया है और दीघा में भगवान जगन्नाथ का मंदिर बनवाया है।